x
संयुक्त राष्ट्र महासभा का सत्र समाप्त होने के बाद अब तीन दिन वॉशिंगटन में रहेंगे।
वॉशिंगटन : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों की 'मजबूती' पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के साथ वॉशिंगटन के संबंध 'अमेरिकी हितों' की पूर्ति नहीं करते हैं। उन्होंने ये बातें रविवार को भारतीय अमेरिकी समुदाय की ओर से वॉशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। जयशंकर ने कहा कि यह एक ऐसा रिश्ता है जिससे न पाकिस्तान को लाभ हुआ और न ही अमेरिका को कुछ फायदा पहुंचा। कार्यक्रम में दर्शकों ने जयशंकर से पाकिस्तान के साथ एफ-16 लड़ाकू विमानों पर अमेरिकी फैसले को लेकर सवाल पूछा था।
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका को आज इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि इस रिश्ते में क्या खास है और उसे इससे क्या हासिल हुआ। कुछ हफ्तों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। अमेरिका के फैसले पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के समक्ष चिंता जाहिर की थी।
पाकिस्तान को मिला अमेरिका का साथ
अमेरिका ने इसको लेकर तर्क दिया था कि आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए एफ-16 के रख-रखाव के लिए पैकेज को मंजूरी दी गई है। अमेरिकी संसद को दी एक अधिसूचना में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रख-रखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) को मंजूरी देने का निर्णय किया है। मंत्रालय ने दलील दी थी कि इससे इस्लामाबाद को वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
जयशंकर ने अमेरिका के इस तर्क का जिक्र करते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि एफ-16 का कहां और किसके खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, 'आप इस प्रकार की बातें कहकर किसी को मूर्ख नहीं बना सकते।' उन्होंने कहा कि अगर मैं किसी अमेरिकी पॉलिसी-मेकर से बात करता, तो मैं उनसे कहता कि देखिए आप क्या कर रहे हैं।' जयशंकर शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा का सत्र समाप्त होने के बाद अब तीन दिन वॉशिंगटन में रहेंगे।
Next Story