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कूटनीति और बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान होना चाहिए.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मीहल से मुलाकात की और उन्हें सभी तरह की शत्रुता खत्म करने तथा संवाद व कूटनीति की ओर वापस लौटने के भारत के सैद्धांतिक रुख से अवगत कराया. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय सत्र से इतर श्मीहल से मुलाकात की.
इससे कुछ ही घंटे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की. उन्होंने इसे रूस की संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि पश्चिमी देश रूस के कमजोर, विभाजित और बर्बाद करना चाहते हैं. जयशंकर ने ट्वीट किया, आज सुबह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मीहल से मुलाकात की.
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री श्मीहल को सभी तरह की शत्रुता खत्म करने तथा संवाद व कूटनीति की ओर वापस लौटने के भारत के सैद्धांतिक रुख से अवगत कराया. इसके अलावा दोनों नेताओं ने खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और परमाणु केंद्रों की सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
जयशंकर ने श्मीहल को आश्वासन दिया कि भारत मानवीय मदद पहुंचाता रहेगा. भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है और इस बात पर कायम रहा है कि कूटनीति और बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान होना चाहिए.
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