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Jaishankar ने दुबई में सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय परिसर का किया उद्घाटन

Gulabi Jagat
14 Nov 2024 12:26 PM GMT
Jaishankar ने दुबई में सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय परिसर का किया उद्घाटन
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Dubaiदुबई। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से गुरुवार को आधिकारिक यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे। उन्होंने दुबई में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी कैंपस के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस दौरान विदेश मंत्री ने छात्रों के साथ एक प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए।
दुबई नॉलेज पार्क में स्थित सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का पहला विदेशी परिसर है। यह कैंपस यूएई के शिक्षा मंत्रालय के अकादमिक मान्यता आयोग से पूर्ण मान्यता प्राप्त करने वाला पहला संस्थान बन गया है, जो प्रबंधन, प्रौद्योगिकी और मीडिया एवं संचार में पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। दुबई स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर आधिकारिक यात्रा पर यूएई पहुंचे। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने तथा हमारे देशों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर
उत्सुक हैं।
विदेश मंत्री ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा आज का समारोह केवल एक नए परिसर का उद्घाटन नहीं है, बल्कि यह हमारे दोनों देशों के बीच बढ़ते शैक्षिक सहयोग का उत्सव है। अभी, यूएई में 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय भारतीय स्कूलों के माध्यम से भारतीय पाठ्यक्रम और शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे तीन लाख से अधिक छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। भारत का केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राष्ट्रीय मुक्त अध्ययन संस्थान और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान भी यूएई में संस्थागत और छात्र प्रमाण पत्र प्रदान कर रहे हैं। यह कैंपस यहां भारतीय कॉलेज की शिक्षा के मामले में एक नया मानदंड स्थापित करेगा।
उन्होंने कहा एशिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में, मुझे विश्वास है कि सिम्बायोसिस अपने छात्रों को 21वीं सदी के कौशल के लिए तैयार करने के लिए दुबई में शिक्षण और शिक्षाशास्त्र की अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता को दोहराएगा। विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य 'वसुधैव कुटुम्बकम', अर्थात विश्व एक परिवार है, की भावना में मुझे विश्वास है कि यह परिसर भारत और यूएई के स्कॉलर्स के बीच आपसी समृद्धि और वैश्विक भलाई के लिए अधिक सहयोग और शोध संबंधों को बढ़ावा देगा।
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