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राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जयशंकर पहुंचे रवांडा, श्रीलंकाई समकक्ष समेत अन्य से मिले

Kajal Dubey
23 Jun 2022 5:39 PM GMT
राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जयशंकर पहुंचे रवांडा, श्रीलंकाई समकक्ष समेत अन्य से मिले
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को रवांडा में राष्ट्रमंडल देशों के अपने कई समकक्षों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तथा उनके देशों के साथ सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) के दौरान उन्होंने श्रीलंका, बांग्लादेश, कनाडा, तंजानिया, रवांडा, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ब्रुनेई, तुवालु, सिंगापुर, बहामास, गुयाना और 54 देशों के ब्लॉक के अन्य सदस्य देशों के अपने समकक्षों से भी मुलाकात की।
भारतीय विदेश मंत्री राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की 26वीं बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को रवांडा पहुंचे थे। वह चार दिवसीय यात्रा पर आए हैं। वह 24-25 जून को होने वाले शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस मौके पर जयशंकर ने कहा कि भारत प्रशांत द्वीप समूह के अपने सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। छब्बीसवें चोगम शिखर सम्मेलन का विषय 'एक साझा भविष्य प्रदान करना: जुड़ाव, सुधार, परिवर्तन' है।
श्रीलंकाई समकक्ष से की मुलाकात
इस मौके पर उन्होंने अपने श्रीलंकाई समकक्ष प्रो. जीएल पेइरिस से मुलाकात की और श्रीलंका के लिए भारत के महत्वपूर्ण समर्थन पर चर्चा की। जयशंकर की श्रीलंकाई समकक्ष प्रो. जीएल पेइरिस के साथ बैठक विदेश सचिव विनय क्वात्रा के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सहित श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के कुछ घंटों बाद हुई। बैठक के दौरान उन्होंने श्रीलंकाई विदेश मंत्री को आश्वासन दिया कि भारत निवेश को बढ़ावा देकर देश की त्वरित आर्थिक सुधार में मदद करने के लिए तैयार है। इस मुलाकात के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन से इतर श्रीलंका के वित्त मंत्री प्रो. जी.एल. पेइरिस के साथ पड़ोसियों की बैठक। राष्ट्रमंडल मुद्दों के साथ-साथ इस समय श्रीलंका के लिए भारत के समर्थन के बारे में बात की।'
भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा कोलंबो
वहीं, विदेश सचिव विनय क्वात्रा के नेतृत्व में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबो का दौरा करने गया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले राष्ट्रपति राजपक्षे से मुलाकात की। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने इस मुलाकात को लेकर एक विज्ञप्ति जारी की। इसमें भारतीय उच्चायोग ने बताया कि दोनों पक्षों ने श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक स्थिति के साथ-साथ भारत के चल रहे समर्थन पर विचारों का उत्पादक आदान-प्रदान किया।
प्रतिनिधिमंडल ने बाद में प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच श्रीलंका की अर्थव्यवस्था और श्रीलंका सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों के लिए किए गए प्रयासों पर गहन चर्चा हुई। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग की विज्ञप्ति में इस बारे में बताया गया कि दोनों पक्षों ने भारत-श्रीलंका निवेश साझेदारी को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला। इसमें बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, नवीकरणीय ऊर्जा और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को गहरा करने के क्षेत्र शामिल हैं।
भारतीय तकनीकी दल पहुंचा काबुल
गौरतलब है कि 1948 में स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण देश भर में भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है।
अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप के बाद एक भारतीय तकनीकी दल काबुल पहुंचा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि तकनीकी दल को वहां हमारे दूतावास में तैनात किया गया है। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि अफगान समाज के साथ हमारे लंबे समय से संबंध और मानवीय सहायता सहित विकास साझेदारी हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखेगी।
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