इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने रविवार को एक इंटरव्यू में बोला कि चार वर्ष पहले चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में शामिल होने का इटली का फैसला “बहुत बुरा” था क्योंकि इसने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया. इटली की पिछली गवर्नमेंट ने बीआरआई पर हस्ताक्षर किए और ऐसा कदम उठाने वाला वह एकमात्र पश्चिमी राष्ट्र बन गया. क्रोसेटो उस प्रशासन का हिस्सा है जो इस बात पर विचार कर रहा है कि समझौते से कैसे बाहर निकला जाए.
आर्थिक असर बढ़ाने की चीन की चाल
बीआरआई योजना में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के खर्च के साथ चीन को एशिया, यूरोप और उससे आगे से जोड़ने के लिए पुराने सिल्क रोड के पुनर्निर्माण की कल्पना की गई थी. आलोचक इसे चीन द्वारा अपने भूराजनीतिक और आर्थिक असर को बढ़ाने के कदम के रूप में देखते हैं. सिल्क रोड में शामिल होने का फैसला ‘तत्काल और बहुत बुरा’ था.
इटली चीन के साथ संबंध खराब नहीं करना चाहता
इतालवी रक्षा मंत्री ने कहा, “आज मामला यह है कि चीन के साथ संबंधों को हानि पहुंचाए बिना (बीआरआई से) कैसे पीछे हटें क्योंकि यह सच है कि चीन एक प्रतिस्पर्धी है, लेकिन वह एक भागीदार भी है.” इटली की प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ बैठक के बाद बोला कि उनकी गवर्नमेंट के पास बीआरआई पर फैसला लेने के लिए दिसंबर तक का समय है.
चीन जाएंगे इटली के पीएम
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह जल्द ही बीजिंग की यात्रा करेंगी. शनिवार को एक इतालवी समाचार कार्यक्रम के साथ एक इंटरव्यू में, मैलोनी ने बोला कि यह “विरोधाभासी” है कि इटली बीआरआई का हिस्सा है, लेकिन यह जी7 राष्ट्र नहीं है जिसके चीन के साथ मजबूत व्यापार संबंध हैं. “इससे पता चलता है कि बीआरआई के बाहर भी आपके अच्छे संबंध और व्यापारिक साझेदारियां हो सकती हैं.”