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बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाना जरूरी, पर्यावरण को बचाने लोकल फूड के लिए होना होगा वोकल

Gulabi Jagat
22 Jun 2022 1:39 PM GMT
बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाना जरूरी, पर्यावरण को बचाने लोकल फूड के लिए होना होगा वोकल
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बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाना जरूरी
सिडनी, पीटीआई। बड़े-बुजुर्ग कहते भी हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा वही खाद्य पदार्थ है, जो स्थानीय स्तर पर होता है। अब एक अध्ययन में पाया गया है कि स्थानीय खाद्य वस्तुओं यानी लोकल फूड को अपनाना पर्यावरण की दृष्टि से भी अच्छा है। अध्ययन इस बात पर केंद्रित है कि राज्यों और देशों के बीच खाद्य वस्तुओं को लाने ले जाने की प्रक्रिया यानी फूड ट्रेड में बहुत बड़ी मात्रा में कार्बन और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। अध्ययन में उत्पादन वाली जगह के 161 किमी के दायरे तक खाद्य पदार्थो को स्थानीय माना गया है। यूनिवर्सिटी आफ सिडनी की अरुणिमा मलिक और मेंग्यू ली ने इस अध्ययन को अंजाम दिया है।
लंबा सफर तय करते हैं खाद्य पदार्थ
उत्पादन की जगह से उपभोग की जगह तक पहुंचने में खाद्य पदार्थो को अच्छी-खासी दूरी तय करनी पड़ती है। इसे फूड माइल कहा जाता है
इसी आधार पर यह भी तय होता है कि किसी खाद्य पदार्थ को एक से दूसरी जगह पहुंचाने में कितना कार्बन उत्सर्जित होता है
16 अरब टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता वैश्विक स्तर पर सालाना खाद्य पदार्थो से संबंधित गतिविधियों से। यह इंसानी गतिविधियों के कारण होने वाले कुल उत्सर्जन के करीब 30 प्रतिशत के बराबर होता है
यह उत्सर्जन खाद्य पदार्थो के परिवहन में लगे वाहनों, खेती के लिए पेड़ों की कटाई और खाद्यान्न उत्पादन की प्रक्रिया में होता है
बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाना जरूरी
दुनिया के बहुत से देश अपनी जरूरत का खाद्यान्न पैदा नहीं कर सकते हैं। उनके लिए खाद्य पदार्थो का आयात स्वाभाविक है, लेकिन कुछ मामलों में इन पर नियंत्रण संभव है। उदाहरण के तौर पर बेमौसम और आयातित फल की तुलना में स्थानीय फल को प्राथमिकता देना अच्छा विकल्प हो सकता है। खाद्यान्न परिवहन के लिए ग्रीन एनर्जी आधारित वाहनों का प्रयोग भी ऐसा ही कदम है, जिससे उत्सर्जन कम किया जा सकता है।
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