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अफगानिस्तान को सैन्य मदद पहुंचाना है मुश्किल, जानिए क्यों बिना मुकाबला किए मैदान छोड़ कर भाग रहे अफगान सुरक्षाकर्मी?

Deepa Sahu
12 Aug 2021 6:19 PM GMT
अफगानिस्तान को सैन्य मदद पहुंचाना है मुश्किल, जानिए क्यों बिना मुकाबला किए मैदान छोड़ कर भाग रहे अफगान सुरक्षाकर्मी?
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तालिबान जितनी तेजी से अफगानिस्तान में अपनी ताकत बढ़ाने में सफल हो रहा है,

नई दिल्ली, तालिबान जितनी तेजी से अफगानिस्तान में अपनी ताकत बढ़ाने में सफल हो रहा है, उसे देखते हुए भारत के लिए अशरफ गनी सरकार के पास सैन्य मदद पहुंचाना आसान नहीं होगा। अफगानिस्तान सरकार के सुरक्षा कर्मी और सैन्य दल पिछले एक महीने के दौरान तालिबान की बढ़ती ताकत रोकने में कुछ खास नहीं कर पाए हैं। कई शहरों में अफगानी सुरक्षाकर्मी तालिबान से सीधी लड़ाई से पहले ही अपने ठिकाने छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं। ऐसे में वहां भेजी जाने वाले किसी भी तरह की सैन्य मदद पर तालिबान का कब्जा होने का खतरा है।

मदद में भेजे गए हथियारों के तालिबान के हाथ लगने का खतरा
इस तरह की सूचना भी आ रही है कि उत्तरी अफगानिस्तान के कई इलाकों में तालिबान ने सरकारी सुरक्षाकर्मियों से जो अमेरिकी वाहन लूटे थे उसी पर सवार हो कर वे दूसरे शहरों पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़े हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से जब यह पूछा गया कि क्या भारत अफगानिस्तान को सैन्य मदद भेजेगा तो उनका जवाब था कि, इस तरह की मीडिया रिपोर्टों का वे जवाब नहीं देंगे। उन्होंने मीडिया में आई इस तरह की खबरों पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जिसमें भारत की तरफ से अफगानिस्तान को भेंट किए गए एमआइ-35 हेलीकाप्टरों के तालिबान के कब्जे में जाने की बात कही गई है।
कई प्रांतों में वहां की स्थानीय सरकारें अपने स्तर पर बात कर रही हैं तालिबान से
बागची ने कहा कि हमने मीडिया में इस तरह की रिपोर्ट देखी है लेकिन हमें इस बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं है। उन्होंने अफगानिस्तान और भारत के बीच वर्ष 2011 में की गई रणनीतिक साझेदारी का भी हवाला दिया है लेकिन दूसरे कूटनीतिक सूत्रों ने दैनिक जागरण को बताया है कि जमीनी हकीकत को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि वहां के सरकारी सैन्यकर्मियों को अभी गोला-बारूद या दूसरे हथियारों की अभी जरूरत नहीं है। कई प्रांतों में वहां की स्थानीय सरकारें अपने स्तर पर तालिबान से बात कर रही हैं और उन्हें आसानी से नियंत्रण सौंपा जा रहा है। ऐसे में बाहरी सैन्य मदद की उन्हें दरकार नहीं है और साथ ही इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ये हथियार या सैन्य मदद तालिबान के हाथ नहीं लगेंगे।
भारत ने अफगानिस्‍तान में सैन्‍य ढांचा बनाने में की थी मदद
सनद रहे कि भारत ने पिछले बीस वर्षों में अफगानिस्तान में एक व्यवस्थित सैन्य ढांचा बनाने में कई तरह से मदद देने का काम किया है। वहां के सैन्यकर्मियों व सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देने के साथ भारत ने हेलीकाप्टर व दूसरे साजोसमान भी दिये हैं। हाल ही में नई दिल्ली में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजई ने दैनिक जागरण से कहा था कि आने वाले दिनों में भारत से सैन्य हेलीकाप्टर व दूसरे उपकरणों की मदद मांगी जा सकती है। लेकिन अब लगता है कि इसकी नौबत नहीं आएगी।
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