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'रोज-रोज मरने से एक बार मरना बेहतर', इस महिला ने सुनाई तालिबान के जुल्म की दास्तां

Subhi
2 Sep 2022 1:10 AM GMT
रोज-रोज मरने से एक बार मरना बेहतर, इस महिला ने सुनाई तालिबान के जुल्म की दास्तां
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अफगानिस्तान में फिर से तालिबान की सत्ता आने के बाद देश से जुल्म और सितम की नई कहानियां रोज सामने आ रही हैं. तालिबान भले ही नए-नए दावे क्यों न कर ले लेकिन उसका तरीका वही पुराना है

अफगानिस्तान में फिर से तालिबान की सत्ता आने के बाद देश से जुल्म और सितम की नई कहानियां रोज सामने आ रही हैं. तालिबान भले ही नए-नए दावे क्यों न कर ले लेकिन उसका तरीका वही पुराना है जहां महिलाओं को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है. ऐसी ही एक दिल दहलाने वाली कहानी इलाहा की है, जिस पर एक तालिबानी अधिकारी ने जुल्म ढहाए हैं. तालिबानी गृह मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता सईद खोस्ती ने पहले इस महिला से जबरन शादी की और फिर लगातार इसका रेप किया गया. यही नहीं इसके बाद खोस्ती ने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा जनरल की बेटी इलाहा को लगातार प्रताड़ित किया और अब उसकी जान खतरे में है.

जबरन की शादी और फिर जुल्म

खोस्ती की 24 वर्षीय पत्नी इलाहा काबुल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिसिन की छात्रा हैं. उसने एक वीडियो बनाया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में इलाहा ने अपने साथ हुए अत्याचार की कहानी दुनिया के सामने रखी है. उनका साफ कहना है कि रोज-रोज मरने से बेहतर है कि एक बार मर लिया जाए. उन्हें डर है कि इस वीडियो के सामने आने के बाद खोस्ती उसे जिंदा नहीं रहने देगा. वीडियो में इलाहा ने दावा किया है कि तालिबान के खुफिया मुख्यालय में यौन उत्पीड़न करने से पहले सईद खोस्ती ने उसे अपने साथ शादी के लिए मजबूर किया था और फिर जबरन उससे शादी कर ली.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में इलाहा ने दावा किया कि तालिबान के इस अधिकारी ने उसे रोज रात में प्रताड़ित किया और उसने पूरे शरीर पर चोट के निशान भी दिखाए. अपने फोन पर राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की तस्वीरें रखने के लिए गिरफ्तार होने के बाद, इलाहा को तालिबान की खुफिया एजेंसी ने कैद कर लिया था. हिरासत में रहते हुए, सईद खोस्ती ने लगातार उसका रेप किया और उसके साथ मारपीट भी की गई. तालिबान अधिकारी और कई सशस्त्र तालिबान सदस्य उसके परिवार को भी धमका चुके हैं और शादी पर सवाल न उठाने को लेकर उन्हें डराया गया है.

वीडियो पोस्ट कर बताई आपबीती

इलाहा को उसकी मर्जी के खिलाफ खोस्ती से शादी करने के लिए मजबूर किया गया था और अब उसे काबुल के गुलबहार सेंटर में रखा गया है. उसके बार-बार भागने की कोशिशों के बावजूद, तालिबान हमेशा उसे पकड़ने में सफल रहा है. इलाहा ने कहा कि स्मार्टफोन से एक वीडियो रिकॉर्ड करने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं था, जिसे उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया पर अपलोड कर मीडिया को सौंप दिया. वीडियो में इलाहा मिन्नत करती नजर आ रही हैं. वीडियो शेयर करते हुए वह अपनी जान को खतरा बता रही हैं और उनका साफ कहना है कि रोज मरने की तुलना में एक बार मरना बेहतर है.

पिछले साल अगस्त में तालिबान के कंट्रोल में आने के बाद से अफगानिस्तान एक साल मनाएगा, जिसमें महिलाओं के बुनियादी अधिकारों को दबा दिया गया था. यहां मीडिया की स्वतंत्रता प्रतिबंधित है र देश के महत्वपूर्ण हिस्से घोर गरीबी में जीने को मजबूर हैं. किसी भी राष्ट्र ने तालिबान के वास्तविक शासन को मान्यता नहीं दी है और अफगान महिलाओं ने अपनी यात्रा, रोजगार और शिक्षा की स्वतंत्रता पर लगाई गई पाबंदियों का विरोध किया है. तालिबान की आलाकमान उन्हीं नियमों को कायम रखती है जिनका इस्तेमाल अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को दबाने के लिए किया जा सके.


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