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आतंकियों की नागरिकता रद्द करने का इजरायल के सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, फैसले पर उठ रहे सवाल

Renuka Sahu
29 July 2022 2:52 AM GMT
Israels Supreme Court orders to cancel the citizenship of terrorists, questions are being raised on the decision
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फाइल फोटो 

इजरायल के सुप्रीम कोर्ट से सरकार को आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल दोषियों की नागरिकता रद्द करने की इजाजत मिल गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इजरायल के सुप्रीम कोर्ट से सरकार को आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल दोषियों की नागरिकता रद्द करने की इजाजत मिल गई है। एससी चीफ एस्तेर हयूत के नेतृत्व में सात जजों के पैनल ने इस संबंध में फैसला सुनाया। बेंच ने कहा कि एक व्यक्ति को इजरायल के खिलाफ विश्वास के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। इस तरह के दोषी जो आतंक, देशद्रोह, जासूसी, या शत्रुतापूर्ण जैसे कामों में लिप्त मिलते हैं, उनकी नागरिकता रद्द की जा सकती है।

अदालत ने कहा कि नागरिकता रद्द होने के बाद दोषियों को देश में रहने की इजाजत देने के लिए एक निवास परमिट जारी करने की व्यवस्था होगी। दरअसल, इजरायल के आंतरिक मंत्रालय से सऊदी अरब के दो नागरिकों की नागरिकता से इनकार करने की अपील की गई थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। मालूम हो कि इन दोनों को अलग-अलग हमलों को अंजाम देने का दोषी पाया गया था।
इन आरोपियों के मामले की सुनवाई के दौरान आया फैसला
सऊदी अरब के इन दोनों नागरिकों की पहचान मोहम्मद मफराजा और अला जिउद के तौर पर हुई है। मोहम्मद मफराजा 2012 में तेल अवीव में एक बस में विस्फोटक उपकरण लगाने का दोषी पाया गया, जिसमें 24 लोग घायल हुए थे। वहीं, अला जिउद ने 2015 में उत्तरी इजराइल के शमूएल जंक्शन पर आम लोगों के ऊपर छुरा घोंपकर हमला किया था, जिसमें चार लोग घायल हो गए थे। SC ने इन्हीं के मामले पर यह फैसला सुनाया।
क्या पत्थर फेंकने वालों पर भी होगी यह कार्रवाई?
इजरायल के लीगल डिपार्टमेंट में एसोसिएशन फॉर सिविल राइट्स के डायरेक्टर ऑडेड फेलर ने एससी के इस फैसले को और विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट राज्य के प्रति अपनी निष्ठा का उल्लंघन करने पर नागरिकता समाप्त करने की इजाजत दे रहा है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हर पत्थर फेंकने वाले या सार्वजनिक रूप से राज्य के प्रति निष्ठा की कमी दिखाने वाले की नागरिकता रद्द कर दी जाएगी।
आतंरिक मंत्री के हाथ में होगा सब कुछ?
सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश में नागरिकता रद्द करने को लेकर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई हैं। इसके बावजूद फेलर इसे लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि आखिरकार आंतरिक मंत्री के फैसले के आधार पर ही नागरिकता तय होगी। ऐसे में इसके गलत इस्तेमाल की भी आशंका है। आंतरिक मंत्री ऐयलेट शेक अपने एक बयान में यह कह भी चुकी हैं कि वह आतंकवादियों की इजरायल की नागरिकता को रद्द करने के प्रयासों को बढ़ाने का इरादा रखती हैं।
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