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नई दिल्ली। इजरायल और हमास को जंग लड़ते हुए सात महीने होने वाले हैं. इजरायल जहां लगतार गाजा पट्टी में हवाई हमले कर रहा, वहीं हमास भी पूरी ताकत से जवाब दे रहा है. इजरायल की सेना ने रविवार को मध्य गाजा में मौजूद नुसीरात शरणार्थी शिविर पर हवाई हमले किए. इस हमले में कम से कम पांच फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए. इजरायल की बमबारी में कई घरों और यूएन के एक स्कूल को भी नुकसान पहुंचा है. इजरायल ने दावा किया है कि उसके केरेम शेलोम चौकी पर रॉकेट से हमला हुआ है. इसमें तीन इजरायली सैनिकों की मौत हो गई है. इजरायल ने आरोप लगाया है कि चौकी पर हुए हमले के पीछे हमास है. इस घटना के बाद इजरायल ने चौकी को बंद कर दिया है. ये चौकी उन चंद रास्तों में से एक है जिसके ज़रिए गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाई जा रही है. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक बार फिर हमास को मिटाने की कसम खाई है.
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ''एकमात्र यहूदी देश इजरायल के प्रधानमंत्री के रूप में मैं आज यरूशलेम से प्रतिज्ञा करता हूं कि यदि हमको अकेले खड़े होने के लिए मजबूर किया जाता है, तो हम अकेले ही खड़े रहेंगे. लेकिन हम जानते हैं कि हम अकेले नहीं हैं. क्योंकि दुनिया भर में अनगिनत सभ्य लोग हमारे उद्देश्य का समर्थन करते हैं. मैं आप सभी से वादा करता हूं कि हम अपने नरसंहारक शत्रुओं को हरा देंगे. इसके बाद वो दोबारा कुछ नहीं करेंगे.''
बताते चलें कि मिस्र की राजधानी काहिरा में गाजा संकट के हल के लिए चल रही बातचीत बेनतीजा खत्म होने के बाद इजरायल और हमास ने एक दूसरे पर ताजा हमले किए हैं. गाजा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई पर चल रही बातचीत इस लिए बेनतीजा रही क्योंकि हमास पूर्ण संघर्ष-विराम की मांग कर रहा था. हमास चाहता था कि स्थायी संघर्ष विराम के साथ गाजा में युद्ध पूरी तरह समाप्त हो और इजरायली बल वापस लौट जाएं. वहीं, इजरायल 40 दिनों के लिए लड़ाई रोकने पर ज़ोर दे रहा था. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि मिस्र में चल रही बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अब सबकी निगाहें कतर में होने वाली वार्ता पर टिक गई है. इस बातचीत में शामिल होने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एक चीफ भी दोहा पहुंच रहे हैं. 8 महीने से जारी हमास-इजरायल जंग ने गाजा को बुरी हालत में पहुंचा दिया है. लाखों लोग अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं.
गाजा में लगातार हो रही बमबारी की वजह से एक तरफ इमारतें मलबे के ढेर तब्दील हो चुकी है, तो दूसरी तरफ इस तबाही के बीच बढ़ती बीमारी की वजह से यहां हर पल जिंदगी खतरे में है. अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में गाजा की स्थिति डराने वाली है. कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी ने गाजा के मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर की है. उसने साफ किया है कि गाजा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. लाखों लोग बेघर हो चुके हैं. गाजा में खाने, पीने, बिजली, इंटरनेट और मेडिकल सुविधाओं की भारी किल्लत है. ताजा रिपोर्ट्स में दावा किया किया गया है कि खाना-पानी और बुनियादी चीजों की भारी कमी की वजह से गाजा खतरनाक दौर से गुजर रहा है. दक्षिणी शहर राफा में हालात सबसे ज्यादा खराब है, क्योंकि लड़ाई से विस्थापित लाखों लोग यहां अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं. जरूरी मानवीय चीजों की किल्लत की वजह से यहां बच्चे तेजी से बीमार हो रहे हैं.
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