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जहां इजरायल ने अपना पहला परमाणु बम बनाया था।
इजरायल की वायुसेना ने सीरिया के लटाकिया बंदरगाह पर भीषण हवाई हमला किया है। दावा है कि इस हमले में सीरिया में आ रहे हथियारों और विस्फोटकों को निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद बंदरगाह पर जोरदार धमाके हुए और आग की भीषण लपटें उठती देखी गईं। करीब 10 घंटे तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका। लटाकिया वही जगह है जहां पर रूस के सैनिक मौजूद हैं और उसने अपने सबसे अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखा है।
Latakia port still burning today pic.twitter.com/QkPfGCeibD
— ELINT News (@ELINTNews) December 28, 2021
रूसी एयर डिफेंस एस 400 के इन इजरायली हमलों को नहीं रोक पाने पर सोशल मीडिया में तरह-तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस हमले में सुबह 3:21पर कंटेनर टर्मिनल को निशाना बनाया गया। इजरायल ने इस हमले को आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है लेकिन कई सूत्रों ने बताया कि इस हमले को इजरायली वायुसेना ने अंजाम दिया है। इन विमानों ने मिसाइलों और घातक बमों के जरिए हमला बोला। ताजा इजरायली हमले में सीरिया को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
सीरिया और इजरायल के बीच लगातार एक-दूसरे पर हमले
One of the Israeli airstrikes in Latakia captured in close proximity to the port. #Syria pic.twitter.com/0OIx9VFA3e
— Joe Truzman (@JoeTruzman) December 28, 2021
इस महीने यह इजरायल का लटाकिया पर दूसरा हमला है। माना जा रहा है कि इजरायल ने ईरानी हथियारों को तबाह करने के लिए सीरिया के बंदरगाह पर हमला किया। इजरायल को शक है कि ये हथियार ईरान हिज्बुल्ला और सीरिया तथा लेबनान में सक्रिय अन्य ईरानी समर्थित ताकतों को भेज रहा था। इजरायली वायुसेना ने इस महीने ही लटाकिया को निशाना बनाना शुरू किया है। इससे पहले 7 दिसंबर को सीरिया की सेना ने कहा था कि इजरायल के लड़ाकू विमानों ने तटीय शहर लटाकिया के बंदरगाह पर मिसाइलें दागीं थीं।
सीरिया के सरकारी मीडिया ने एक सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया कि बंदगाह पर उस स्थान पर मिसाइलें गिरीं जहां अनेक कंटेनर रखे हुए थे, हमले से कई कंटेनरों में आग लग गई। लताकिया आयात के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण बंदरगाह है। सीरिया और इजरायल के बीच लगातार एक-दूसरे पर हमले होते रहते हैं। कुछ समय पहले सीरिया को इजरायल के परमाणु रिएक्टर पर मिसाइल दागना महंगा पड़ गया था। यह मिसाइल इजरायल के नेगेव रेगिस्तान में जा गिरी थी। इसी इलाके में शिमोन पेरेज नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर है, जहां इजरायल ने अपना पहला परमाणु बम बनाया था।
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