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इजरायल पुलिस ने बताया - पेगासस से नागरिकों की जासूसी के अहम सुबूत मिले

Khushboo Dhruw
1 Feb 2022 6:28 PM GMT
इजरायल पुलिस ने बताया - पेगासस से नागरिकों की जासूसी के अहम सुबूत मिले
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इजरायल में पेगासस स्पाइवेयर के जरिये नागरिकों की कथित जासूसी के अहम सुबूत पुलिस के हाथ लगे हैं। ये सुबूत इशारा करते हैं

यरूशलम। इजरायल (Israel) में पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Software) के जरिये नागरिकों की कथित जासूसी के अहम सुबूत पुलिस के हाथ लगे हैं। ये सुबूत इशारा करते हैं कि पुलिस विभाग के ही कुछ लोगों ने पेगासस का गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल किया। पुलिस ने मंगलवार को खुद यह जानकारी दी।

पिछले माह एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2020 में पुलिस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं व आम नागरिकों के मोबाइल हैक किए थे। इसके लिए साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में संसद में जमकर हंगामा हुआ था और सांसदों ने इसकी जांच की मांग रखी थी। इससे पहले तक पुलिस भी इन आरोपों से इनकार करती आ रही थी। इजरायल के अटार्नी जनरल ने पुलिस को एक जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।






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पेगासस जासूसी कांड: सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल

इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल की गई। इसमें न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेने और इजरायल के साथ 2017 में हुए रक्षा सौदे की जांच का आदेश देने मांग है। न्यूयार्क टाइम्स की खबर में दावा किया गया है कि भारत ने 2017 में इजरायल के साथ किए गए रक्षा सौदे के एक हिस्से के रूप में पेगासस स्पाईवेयर खरीदा था। याचिका में कहा गया है कि इस सौदे को संसद ने मंजूरी प्रदान नहीं की थी, इसलिए इसे रद करने और पैसा वापस लेने की जरूरत है। एमएल शर्मा ने ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में मूल याचिका दाखिल की थी। नई याचिका में उन्होंने शीर्ष अदालत से आपराधिक मामला दर्ज करने, पेगासस स्पाईवेयर खरीद सौदे व न्याय के हित में सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग की जांच के लिए उचित निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।


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समिति की रिपोर्ट का इंतजार

पिछले साल 27 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने पेगासस का कथित रूप से इस्तेमाल करके देश के कुछ लोगों की निगरानी करने की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति की नियुक्ति की थी। शीर्ष अदालत का कहना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सरकार को हर बार 'फ्री पास' नहीं मिल सकता। पेगासस मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट के पास है। शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज आरवी रवींद्रन की निगरानी में मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि समिति ने दो जनवरी को विज्ञापन भी प्रकाशित किया कि जिन लोगों को लगता है कि उनका फोन पेगासस से प्रभावित है वह अपना नंबर बताएं।


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