पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर शुक्रवार को पथराव करने वाले फलस्तीनियों से इस्राइली पुलिस की झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं। हाल के हफ्तों में इस इलाके में झड़प की कई घटनाएं हुई हैं। घटना में 40 लोग घायल हुए हैं।
पुलिस का कहना है कि मस्जिद परिसर में फलस्तीनियों ने भारी सुरक्षा बंदोबस्त वाले गेट की ओर पत्थर और आतिशबाजी फेंकना शुरू कर दिया। यह गेट 'वेस्टर्न वॉल' की ओर जाता है, जहां यहूदी प्रार्थना कर सकते हैं।
इसके बाद पुलिस परिसर की ओर बढ़ी और रबर की गोलियां चलाईं। यह हिंसक झड़प करीब एक घंटे तक चली और परिसर में मौजूद अन्य फलस्तीनियों द्वारा पथराव कर रहे लोगों को समझाने तथा पुलिस को पीछे हटने के लिए मनाने के बाद थमी।
फलस्तीनी रेड क्रिसेंट आपातकालीन सेवा ने कहा कि 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 22 को इलाज की आवश्यकता है। पुलिस ने तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन बाद में कहा कि उसने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
इंडोनेशिया : सोने की अवैध खदान में भूस्खलन, 12 महिलाओं की मौत
इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर सोने के अवैध खनन अभियान के दौरान भूस्खलन हो गया, जिसके चलते करीब 12 महिलाएं कई टन मिट्टी के नीचे दब गईं। उनके शवों को बचाव दल ने बाहर निकाला।
पुलिस ने बताया कि उत्तरी सुमात्रा के मांडैलिंग नेटाल जिले के एक दूरदराज के गांव में एक छोटी और अनधिकृत सोने की खदान में लगभग 14 महिलाएं 2 मीटर (6.5 फीट) गहरे गड्ढे में सोना तलाश रही थीं। तभी भूस्खलन से वे मिट्टी में दब गईं। इनमें सिर्फ दो महिलाओं को बचाया जा सका है।
विश्वविद्यालयों में लौटकर खुश हैं भारतीय छात्र : वैश्विक सर्वेक्षण
भारतीय छात्रों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण वे विश्वविद्यालय के माहौल का अनुभव नहीं ले पाए और अधिकतर छात्र पढ़ाई के लिए यहां लौटने पर अच्छा महसूस कर रहे हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है।
एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। शिक्षा प्रौद्योगिक कंपनी 'चेग' की गैर लाभकारी इकाई 'चेगडॉटओआरजी' द्वारा प्रकाशित 'ग्लोबल स्टूडेंट सर्वे 2022' के अनुसार तीन चौथाई से अधिक (77 प्रतिशत) भारतीय छात्रों का कहना है कि महामारी ने उन्हें शिक्षा संस्थानों का अनुभव नहीं लेने दिया।
भारतीय छात्रों की यह संख्या सर्वे में शामिल 20 देशों के छात्रों में सर्वाधिक है। करीब 55 फीसदी भारतीय छात्रों के मुताबिक, कॉलेज आने के बाद से उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
सिंगापुर में अदालत ने लगाई भारतवंशी की फांसी पर रोक
देश की एक अदालत ने मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में दोषी ठहराए गए भारतीय मूल के मलयेशियाई नागरिक दाचिनामूर्ति कतैया (36) की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। कतैया (36) को शुक्रवार को फांसी की सजा दी जानी थी।
कतैया और 12 अन्य मौत की सजा के दोषियों ने अटॉर्नी जनरल के चैंबर्स (एजीसी) के खिलाफ एक दीवानी आवेदन दायर किया था और अपने निजी पत्रों के प्रकटीकरण के खिलाफ हर्जाने की मांग की थी।
दचिनामूर्ति ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष खुद रखा। मामले पर सुनवाई 20 मई को की जाएगी। फैसले के खिलाफ दायर उनकी याचिका फरवरी 2016 में रद्द की जा चुकी थी।