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इजराइली पीएम की दो टूक, नफ्ताली बेनेट बोले- ईरान को एटमी हथियार नहीं बनाने देंगे, दुनिया उससे क्या डील करती है, हमें मतलब नहीं

Renuka Sahu
25 Nov 2021 6:26 AM GMT
इजराइली पीएम की दो टूक, नफ्ताली बेनेट बोले- ईरान को एटमी हथियार नहीं बनाने देंगे, दुनिया उससे क्या डील करती है, हमें मतलब नहीं
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फाइल फोटो 

इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने साफ कर दिया है कि उनका देश किसी भी सूरत में ईरान को एटमी ताकत नहीं बनने देगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इजराइल (Israel) के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett)ने साफ कर दिया है कि उनका देश किसी भी सूरत में ईरान (Israel-Iran Conflict) को एटमी ताकत (Nuclear Power) नहीं बनने देगा. बेनेट का बयान एक तरह से अमेरिका को भी संकेत है कि अगर वो ईरान के साथ किसी भी तरह की एटमी डील करता है, तो वो इजराइल को मंजूर नहीं होगी. एक प्रोग्राम में उन्होंने अमेरिका को बिना नाम लिए वॉर्निंग भी दी. इतना ही नहीं पूर्व सरकार और PM नेतन्याहू को भी घेरे में लिया.

बेनेट ने कहा- 'अगर दुनिया ईरान के साथ उसका एटमी प्रोग्राम रोकने के लिए कोई डील करती है, तो जरूरी नहीं कि इजराइल इसका समर्थन करे. 2015 में हमसे जो गलती हुई थी, उसे दोहराया नहीं जाएगा. हमें आशंका है कि इजराइल किसी डील को नहीं मानेगा. इजराइल को ये भी लगता है कि ईरान एटमी हथियार बनाने के बहुत करीब पहुंच चुका है.'
प्रधानमंत्री बनने के बाद बेनेट ने ईरान को लेकर इतना सख्त रवैया नहीं दिखाया था. तब उन्होंने कहा था- अगर ईरान के एटमी हथियार प्रोग्राम को रोकने के लिए कोई डील होती है तो इजराइल भी साथ देगा, लेकिन मंगलवार को वो इससे मुकर गए. इसका एक मतलब यह भी है कि ईरान को लेकर शायद अमेरिका और इजराइल की सोच अलग होती जा रही है. बेनेट ने इसे कबूल भी किया और कहा- यह मुश्किल वक्त है. मुमकिन है कि इस वक्त हमारे करीबी दोस्तों से भी मतभेद हो जाएं। यह तय है कि इजराइल किसी भी डील का हिस्सा नहीं बनेगा.
कुल मिलाकर लंबी चुप्पी के बाद इजराइली प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि दुनिया साथ हो या न हो, खासतौर पर अमेरिका साथ नहीं भी देता है तो भी इजराइल हर कीमत पर ईरान को एटमी हथियार बनाने से रोकेगा. इसके लिए वो किसी करार या डील को नहीं मानेगा. इसका सीधा सा मतलब है कि इस मुद्दे पर ईरान-इजराइल जंग किसी भी वक्त छिड़ सकती है.
इजरायल का मानना है कि ईरान परमाणु बम बनाने के करीब है और वह इससे पहले ही उसे रोकना चाहता है. कुछ इजरायली रक्षा अधिकारियों का कहना है कि गर्मी तक ईरान पर हमला कर देना चाहिए, क्योंकि ईरान इतनी क्षमता हासिल करने वाला है कि वह इजरायल की हवाई पहुंच से दूर हो जाएगा.
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