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आर्टिमिस समझौते से जुड़ने वाला 15वां देश है इजराइल, अभियान के पहले चरण में होगा खास इजराइली प्रयोग

Gulabi
29 Jan 2022 10:46 AM GMT
आर्टिमिस समझौते से जुड़ने वाला 15वां देश है इजराइल, अभियान के पहले चरण में होगा खास इजराइली प्रयोग
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आर्टिमिस समझौते से जुड़ने वाला 15वां देश है इजराइल
यह बात अब गलत नहीं रह गई है कि अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) अब अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का हिस्सा बन चुका है. इसी सप्ताह इजराइल (Israel) अमेरिका की अगुआई वाले आर्टिमिस समझौते (Artemis Accord) से जुड़ गया है.इस तरह से इजराइल आर्टिमिस से जुड़ने वाला 15वां देश हो गया है. इस समझौते से इजराइल और अमेरिका अब अंतरिक्ष शोध, विज्ञान और नवाचार में सहयोग करेंगे. आर्टिमिस समझौता अंतरिक्ष मामलों मे सहयोग के साथ ही अंतरिक्ष उत्खनन के क्षेत्र में भी आपसी सहयोग और साझेदारी के नियम शामिल हैं. यह समझौता अमेरिका का अंतरिक्ष मामलों में अपने लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक और कदम है.
आर्टिमिस कार्यक्रम में भी शामिल
इजराइल स्पेस एजेंसी के डायरेक्टर जनरल उरी ओरोन ने हस्ताक्षर समारोह में कहा कि उन्हें गर्व है कि वे आर्टिमिस समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. इजराइल आधिकारिक रूप से इस बड़ी परियोजना से जुड़ गया है जिसमें आने वाले सालों में मानवीय अभियान को चंद्रमा पर भेजा जाएगा.
ये देश पहले से हैं इस शामिल
ओरोन ने कहा कि इजराइली स्पेस एजेंसी शोध, विज्ञान, नवाचार और आर्थिकमामलों में आर्टिमिस समझौते, इजराइली संगठन और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ सहयोग जारी रखेगी. इस समझौते से इजराइल से पहले ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा,इटली, जापान, लक्जमबर्ग, न्यूजीलैंड, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूके और अमेरिका शामिल हैं.
पहले से ही मित्र देश और करीब
इजराइल में इस समझौते से जुड़ने को दोनों मित्र देशों को एक दूसरे के और ज्यादा नजदीक लाने वाला कदम बताया जा रहा है. इजराइल के विज्ञान मंत्री ने अपने बयान में कहा कि चंद्रमा एक रुकने वाली जगह से कहीं ज्यादा होगा जहां कुछ लंबे समय पर रुकने से ऐसे शोध और विकास कार्य किए जा सकेंगे जिन्हें कहीं और नहीं किया जा सकता है.
आर्टिमिस अभियान
आर्टिमिस समझौते में शामिल होने वाले देश अमेरिकी स्पेस एजेंस नासा के आर्टिमिस अभियान से जुड़ेंगे जिसमें तीन चरणों केकार्यक्रम के अंतिम चरण में चंद्रमा पर एक पुरुष और एक महिला को लंबे समय के लिए भेजा जाएगा. इस अभियान के पहला चरण नासा का एसएलएस रॉकेट ओरियोन यान को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर उसका पहले परीक्षण करेगा.
दो डॉल को भेजा जाएगा
आर्टिमिस के पहले चरण में मार्च में प्रक्षेपण होने की उम्मीद की जा रही है जो पहले ही कोविड-19 महामारी की वजह से देरी से चल रहा है. इस चरण में किसी मानव की जगह जौहर और हेल्गा नाम के दो मानवीय धड़ के आकार की डॉल को बैठाकर चंद्रमा पर भेजा जाएगा. इसमें जौहर इजारइली स्पेस सूट पहले होगा जिसे इजराइली कंपनी ने विकसित किया है.
यह है प्रयोग
इस यान में दूसरी डॉल हेल्गा को बिना किसी सुरक्षा के ही चंद्रमा पर भेजा जाएगा. दोनों का पृथ्वी पर लौटने पर परीक्षण किया जाएगा कि उन पर विकिरण का क्या प्रभाव रहा और स्पेस सूट की प्रभावोत्पादकता क्या रही. आर्टिमिस के पहले अभियान में यान और रॉकेट का परीक्षण प्रमुख है जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके जरिए चंद्रमा पर पहुंचा जा सकता है.
आर्टिमिस समझौते का मुख्य उद्देश्य अमेरिका के लिए भविष्य के लिए अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए साझेदार बनाना है जिससे अंतरिक्ष उत्खनन में उसका उसके सहयगियों का किसी तरह का टकराव नहीं हो. चीन पहले से ही अमेरिका का प्रतिस्पर्धी ही नहीं बल्कि प्रतिद्वंदी भी है. वहीं रूस पहले ही इस समझौते पर आपत्ति जता चुका है. ऐसे में अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा को अंतरराष्ट्रीय कूटनिती के चश्मे से भी देखा जा रहा है.
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