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इस्लामाबाद, पाकिस्तान में इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को कहा कि तोशखाना मामले (Toshkhana case) में पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ सात फरवरी को आरोप तय किए जाएंगे।
पिछले साल सत्ताधारी गठबंधन के सांसदों द्वारा इमरान खान पर यह आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गयी थी कि उन्होंने तोशखाना से लिए गये उपहारों और उनकी कथित बिक्री से आय का विवरण साझा नहीं किया। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने 21 अक्टूबर को यह निष्कर्ष निकाला था कि पूर्व प्रधानमंत्री ने वास्तव में उपहारों के संबंध में 'झूठे बयान और गलत घोषणाएं' की थीं। इस निर्णय का पीटीआई ने व्यापक स्तर पर विरोध किया था। निगरानी संस्था के आदेश में कहा गया है कि इमरान संविधान के अनुच्छेद 63(1)(पी) के तहत अयोग्य हो गये हैं।
इसके बाद ईसीपी ने संदर्भ की एक प्रति के साथ इस्लामाबाद सत्र अदालत (Islamabad Sessions Court) का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों के बारे में कथित रूप से अधिकारियों को गुमराह करने के लिए इमरान के खिलाफ आपराधिक कानून के तहत कार्यवाही की मांग की गई।
पिछली सुनवाई में अदालत ने ईसीपी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने मंगलवार सुबह पीटीआई के वकील अली बुखारी और ईसीपी के वकील एडवोकेट साद हसन की उपस्थिति में फैसला सुनाया। इस बीच पीटीआई प्रमुख-जो तीन नवंबर को एक रैली के दौरान हत्या प्रयास के दौरान गोली लगने से घायल होने के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं, ने आज की सुनवाई से छूट मांगी थी।
सुनवाई के दौरान आज में अदालत ने बुखारी से पूछा कि इमरान का मुख्तारनामा कहां है। इधर ईसीपी के वकील हसन ने कहा कि पावर ऑफ अटॉर्नी तब तक पेश नहीं की जा सकती, जब तक 'इमरान खान खुद अदालत में नहीं आते। पीटीआई ने हालांकि दावा किया कि इमरान का मेडिकल सर्टिफिकेट अदालत में जमा किया गया था। उन्होंने कहा," मुझे पाँच मिनट दीजिए, बैरिस्टर गोहर (अदालत) पहुँचने ही वाले हैं," इसके बाद न्यायाधीश ने बुखारी को आज इमरान का मुख्तारनामा जमा करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान एक बिंदु पर पीटीआई और ईसीपी के वकीलों के बीच बहस छिड़ गई, जिसके बाद एडवोकेट हसन ने अदालत से पूर्व प्रधानमंत्री के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध किया।
न्यायाधीश इकबाल ने इमरान को 20 हजार रुपये के ज़मानत बांड जमा करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई में अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
Source : Uni India
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Rani Sahu
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