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अफगानिस्तान में अचिन जिले के ठिकाने पर मदर आफ आल बम कहे जाने वाला 20,000 पाउंड का बम फेंका था।
अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर घातक आत्मघाती हमला हुआ है। इस हमले के लिए इस्लामिक स्टेट खोरासन (आइएस-के) को जिम्मेदार बताया जा रहा है। गुरुवार शाम काबुल हवाई अड्डे के पास सिलसिलेवार 2 धमाके हुए। इसमें 60 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। हमले में महिलाओं, अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत 140 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इन धमाकों के बाद अब काबुल हवाई अड्डे से चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन खतरे में पड़ सकता है।
जानिए आइएस-के से जुड़े कुछ अहम तथ्य
- 2014 के आखिर में पहली बार अफगानिस्तान में आइएस-के सामने आया था।
- जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान से भागकर आए तालिबानियों ने इसका गठन किया था।
- कट्टरपंथी सुन्नी मुस्लिमों के इस आतंकी संगठन ने शुरुआत से ही पाकिस्तान से लगे सीमाई क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए तालिबान को चुनौती दी है।
- यह आतंकी संगठन काबुल व अन्य शहरों में सरकारी ठिकानों और अन्य देशों के मिलिट्री बेस पर कई हमले कर चुका है।
- ग्रामीणों और रेड क्रास सदस्यों की नृशंस हत्या तथा भीड़ वाले कई इलाकों में आत्मघाती विस्फोट को भी ये आतंकी अंजाम दे चुके हैं।
- अप्रैल, 2017 में अमेरिका ने आइएस-के को निशाना बनाने के लिए पूर्वी अफगानिस्तान में अचिन जिले के ठिकाने पर मदर आफ आल बम कहे जाने वाला 20,000 पाउंड का बम फेंका था।
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