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क्या अगले हिटलर है पुतिन?

jantaserishta.com
24 Feb 2022 3:00 PM GMT
क्या अगले हिटलर है पुतिन?
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मॉस्को : यूक्रेन की सीमाओं से कुछ रूसी टैंक (Russian Ukraine Crisis) और तोपों की वापसी के बाद भी एक संभावित हमले का खतरा बरकरार है। खुफिया सेवाओं के एक अधिकारी ने दावा किया है कि अगर पश्चिम ने व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को यूक्रेन पर हमला करने दिया तो वह यहीं तक नहीं रुकेंगे। पुतिन आगे बढ़ते हुए लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया पर भी कब्जा करने का प्रयास कर सकते हैं। इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पुतिन रूस-यूक्रेन-बेलारूस को मिलाकर एक नया 'यूनियन स्टेट' बनाना चाहते हैं जिसका केंद्र मॉस्को (Moscow) होगा।


रूस यूक्रेन की सीमाओं से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा है। लेकिन अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना है कि हमला आज रात को करीब 1 बजे हो सकता है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन पर हमले के बाद पुतिन का आत्मविश्वास चरम पर पहुंच जाएगा और इसके बाद वह पूर्वी यूरोप के अन्य देशों को अपना शिकार बनाएंगे। रूस 'हिटलर-शैली' का इस्तेमाल करके पहले ही क्रीमिया और जॉर्जिया पर कब्जा कर चुका है, साथ ही अपने प्रभाव का विस्तार करने के लिए वह पड़ोसी राज्यों में तानाशाहों के साथ प्रमुख गठजोड़ स्थापित कर रहा है।
नागरिकों को सता रहा डर- अगला नंबर हमारा?
रिपोर्ट में पुतिन के फैसलों की तुलना नाजियों के तरीकों से की गई है जिनका इस्तेमाल वे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान करते थे, जैसे कि चेकोस्लोवाकिया का कब्जा। पूर्व सोवियत देश एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया को डर है कि यूक्रेन के बाद 'अगला नंबर' उनका हो सकता है। एस्टोनियाई विदेश खुफिया सेवा के प्रमुख मिक मारन ने संभावित सैन्य संघर्ष की चेतावनी दी है और कई तरह के गंभीर संकटों की संभावना जताई है।
बाल्टिक देशों पर बढ़ सकता है दबाव
उन्होंने कहा कि कम समय में बड़े पैमाने के हमले की आशंका तो नहीं है लेकिन यूक्रेन पर हमले से बाल्टिक देशों पर सैन्य दबाव बढ़ेगा। स्काई न्यूज से बात करते हुए मारन ने कहा कि भले ही रूस सैन्य हमला न करे लेकिन एस्टोनिया और अन्य पश्चिमी देशों को रूस के सैन्य दबाव के लिए तैयार रहना चाहिए। युद्ध के प्रत्यक्ष खतरे पिछले एक साल में पुतिन की विदेश नीति का एक अभिन्न अंग बन गए हैं।
हमला हुआ तो जवाब देगा नाटो
लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया सभी नाटो के सदस्य हैं और रूस के साथ सीमाएं साझा करते हैं। अगर रूस उनमें से किसी पर हमला करता है तो यह गठबंधन को जवाब देने के लिए ट्रिगर करेगा। फॉरेन पॉलिसी की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल्टिक नागरिकों को डर है कि वे पुतिन के 'मैन्यू का अगला हिस्सा' बन सकते हैं।
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