दुनियाभर में इन दिनों हैकिंग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हैकर्स दुनिया की बड़ी एजेंसियों को तक अपना निशाना बना रहे हैं. ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को आरोप लगाया कि एक अज्ञात देश की ओर से काम करने वाले हैकर्स ने उसकी सहायक कंपनी के नेटवर्क को हैक कर लिया. हैकर्स ने कंपनी के ईमेल सिस्टम को हैक कर लिया और कई सीक्रेट जानकारियों तक पहुंच गया.
जेल में बंद कैदियों को रिहा करने की मांग
एक अज्ञात हैकिंग समूह ने ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए तेहरान से हाल में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में गिरफ्तार राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की. समूह ने कहा कि उसने बुशहर में ईरान के रूस समर्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र से संबंधित 50 गीगाबाइट आंतरिक ई-मेल, अनुबंध और निर्माण योजनाओं को लीक कर दिया. यह स्पष्ट नहीं है कि जिस सिस्टम को हैक किया गया उसमें सीक्रेट सामग्री थी या नहीं.
एक खास देश को बताया दोषी
एजेंसी ने बिना विस्तार से बताए हमले के लिए एक खास देश को दोषी ठहराया. पहले भी ईरान ने बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए अमेरिका और इजराइल पर साइबर हमले का आरोप लगाया था. संगठन ने कहा, 'ये अवैध प्रयास लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए हताशा में किए गए हैं.' सिस्टम ऐसे वक्त हैक किया गया जब ईरान देश में अशांति का सामना कर रहा है, जो देश के सख्त इस्लामी ड्रेस कोड का पालन नहीं करने के लिए पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महिला महसा अमिनी की 16 सितंबर की मौत से शुरू हुई थी.
ईरान में हालात तनावपूर्ण
ईरान के प्रमुख शिक्षक संघ ने बताया कि छात्र प्रदर्शनकारियों पर सरकार की कार्रवाई के विरोध में देश भर के कई स्कूलों में कक्षाएं रद्द कर दी गई. विरोध प्रदर्शन पहले ईरान के अनिवार्य हिजाब पर केंद्रित थे, लेकिन जल्द ही देश के शासक मौलवियों के लिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक बन गए. प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस्लामिक रिपब्लिक के पतन का भी आह्वान किया.