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हिजाब पर आर-पार के मूड में ईरान की महिलाएं? अमेरिका का भी मिल रहा साथ

Neha Dani
15 Oct 2022 2:03 AM GMT
हिजाब पर आर-पार के मूड में ईरान की महिलाएं? अमेरिका का भी मिल रहा साथ
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परिवार के मुताबिक पुलिस हिरासत में उसे टार्चर किया गया था जिसमें उसकी जान गई थी.

ईरान में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले महीने सितंबर में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. तेहरान से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तमाम ईरानी महिलाओं के वीडियो इस बात के गवाह हैं कि ईरानी महिलाएं हिजाब के खिलाफ सड़कों पर आकर आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं. ईरान में हिजाब के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों में कई लोगों की अब तक मौत की भी खबर है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई के खिलाफ भी जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं.

दुनिया के कई देशों में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन
दुनिया के कई देशों में महसा अमिनी की मौत पर काफी गुस्सा है और फ्रांस, ग्रीस, ब्रिटेन ,कनाडा और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों हिजाब के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं. अमेरिका में सबसे ज्यादा लोगों के रिएक्शन देखने को मिल रहे हैं. अमेरिकी सरकार के ट्विटर हैंडल से भी लगातार एंटी-ईरान हैशटैग (Anti-Iran Hashtag) किये जा रहे हैं.
ज़ी मीडिया के पास मौजूद सोशल मीडिया एनालिसिस (Social Media Analysis Report) की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिका के कई शहरों से #MahsaAmini #Mahsa_Amini #IranProtests #NoVisa4Raisi #IranDeal #EndEnforcedDisappearances #FreeIran और #Hijab जैसे हैशटैग पर कमेंट किये गये.
साथ ही अमेरिकी सरकार के दर्जनों ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से भी महसा अमिनी से जुड़े हैशटैग पर ईरान सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया. अमेरिका के वाशिंगटन और न्यूयॉर्क शहरों में रहने वाले सैकड़ों की संख्या में एंटी ईरान हैशटैग वाले ट्वीट किये.
देखा जाये तो ईरान सरकार हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के पीछे अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगा रही है. इस महीने ही ईरान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में ये कहा गया था कि अमेरिका किसी दूसरे देश पर मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े आरोप लगाने से पहले अपने देश के मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़े मामलों को देखे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले दिनों एक बयान जारी कर ईरान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल लोगों के खिलाफ हिंसा के दोषियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था साथ ही हिंसा के लिए ईरानी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराए जाने की बात की थी.
देखा जाये तो ईरान में विरोध की शुरुआत महसा अमिनी नाम की एक युवती की मौत के बाद से शुरू हुई थी. महसा को ईरानी पुलिस ने हिजाब ठीक से न पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक हिजाब पहनने के बावजूद उसके सिर के बाल दिख रहे थे ऐसे में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था लेकिन गिरफ्तारी के तीन दिन बाद महसा की मौत हो गई थी. हालांकि पुलिस के मुताबिक महसा की मौत की वजह हार्ट अटैक था लेकिन महसा अमीनी के परिवार के मुताबिक पुलिस हिरासत में उसे टार्चर किया गया था जिसमें उसकी जान गई थी.

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