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जिसमें अब तक करीब 31 लोगों के मारे जाने की खबर है.
ईरान हिजाब आंदोलन की आग में जल रहा है. पूरी दुनिया उसका अमानवीय चेहरा देख रही है. विश्व के सामने अपने देश की अच्छी छवि रखने की जगह ईरानी राष्ट्रपति अब्राहिम रायसी अब भी रूढ़ीवादी सोच में बंधे नजर आ रहे हैं. धार्मिक कट्टरता ऐसी कि उन्होंने अमेरिका में पहले से तय अपना इंटरव्यू सिर्फ इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि इंटरव्यू लेने वाली महिला पत्रकार ने हिजाब पहनकर उनसे सवाल पूछने की उनकी शर्त को मानने से इनकार कर दिया. महिला न्यूज एंकर ने ट्वीट कर इस घटना के बारे में बताया.
क्या है मामला
इंटरनेशनल न्यूज चैनल सीएनएन के लिए क्रिस्टियन अमनपोर नाम की न्यूज एंकर काम करती हैं. वह काफी सीनियर जर्नलिस्ट हैं. अमनपोर का जन्म ब्रिटेन में हुआ है, जबकि उनके पिता ईरानी हैं. गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग अमेरिका में ईरानी राष्ट्रपति अब्राहिम रायसी के साथ उनका एक इंटरव्यू होना था. इंटरव्यू पहले से प्लान था और एक हफ्ते से इसकी तैयारियां चल रहीं थीं. कैमरा, स्टेज सब कुछ तैयार था. लेकिन इंटरव्यू से करीब आधे घंटे पहले ईरानी राष्ट्रपति रायसी के एक सहयोगी ने अमनपोर से संपर्क किया और कहा, क्योंक यह मुहर्रम और सफर के पवित्र महीने हैं, इसलिए राष्ट्रपति चाहते हैं कि आप इंटरव्यू हिजाब पहनकर लें. अमनपोर ने फौरन इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया. जिसके बाद ईरानी राष्ट्रपति ने इंटरव्यू कैंसिल कर दिया.
न्यूज एंकर ने क्या कहा
इंटरव्यू कैंसिल होने के बाद क्रिस्टियन अमनपोर ने इस घटना को लेकर कुछ ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, 'मैंने राष्ट्रपति के सहयोगी की शर्त पर विनम्रता से मना कर दिया और कहा कि हम न्यूयॉर्क में हैं, जहां स्कार्फ यानी हिजाब को लेकर कोई कानून या परंपरा नहीं है.' अमनपोर ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति के सहयोगी से कहा, मैंने ईरान के बाहर कई ईरानी राष्ट्रपति का इंटरव्यू लिया है और आज तक इसकी जरूरत नहीं पड़ी और न ही किसी राष्ट्रपति ने हिजाब पहनने की शर्त रखी है.
खाली कुर्सी के साथ तस्वीर की शेयर
अपने अनुभव के बारे में ट्वीट पर बताते हुए अमनपोर ने एक तस्वीर भी शेयर की है. इसमें उस सेटअप को दिखाया गया है जहां ईरानी राष्ट्रपति का इंटरव्यू होना था. फोटो में एक कुर्सी पर वह खुद बिना हिजाब के नजर आ रही हैं, जबकि दूसरी कुर्सी जिस पर अब्राहिम रायसी को होना था, वह खाली पड़ी है.
क्यों जल रहा है ईरान
बता दें कि पिछले दिनों 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत हो गई थी. हिजाब न पहनने पर ईरान क मोरल पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था और पुलिस टॉर्चर की वजह से वह कोमा में चली गई थी. करीब एक हफ्ते पहले उसकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद से ईरान में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन तेज हो गए हैं और अब इसने हिंसक रूप ले लिया है. जिसमें अब तक करीब 31 लोगों के मारे जाने की खबर है.
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