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ईरानी-अमेरिकी नागरिक को 1 सप्ताह के लिए मिली जेल से निकलने की अनुमति

Subhi
2 Oct 2022 4:26 AM GMT
ईरानी-अमेरिकी नागरिक को 1 सप्ताह के लिए मिली जेल से निकलने की अनुमति
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ईरान की जेल में पिछले सात साल से बंद ईरानी-अमेरिकी नागरिक सियामक नमाजी को बड़ी राहत मिली है। ईरानी-अमेरिकी नागरिक को एक सप्ताह के लिए तेहरान की एविन जेल से बाहर निकलने की अनुमति दे दी गई है।

ईरान की जेल में पिछले सात साल से बंद ईरानी-अमेरिकी नागरिक सियामक नमाजी को बड़ी राहत मिली है। ईरानी-अमेरिकी नागरिक को एक सप्ताह के लिए तेहरान की एविन जेल से बाहर निकलने की अनुमति दे दी गई है। ईरानी-अमेरिकी नागरिक सियामक नमाजी के वकील ने शनिवार को समाचार एजेंसी रायटर को इस बात की जानकारी दी है।

सात साल से ईरानी जेल में बंद था नागरिक

ईरानी- अमेरिकी नागरिक सियामक नमाजी जासूसी से जुड़े मामले में ईरान में करीब सात साल से सजा काट रहा है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि उनके पिता और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अधिकारी बाकर नमाजी को शत्रुतापूर्ण सरकार के साथ सहयोग के आरोप में दोषी ठहराया गया था। अपने पिता के चिकित्सा उपचार के लिए उन्हें जेल से एक सप्ताह के लिए रिहा करने की अनुमति दी गई है।

दूसरे कैदियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है ये कदम

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या यह कदम सियामक की पूर्ण रिहाई की दिशा में महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है या नही। लेकिन इस बात से इतना साफ है कि यह फैसला ईरान में हिरासत में लिए गए अन्य अमेरिकी नागरिकों की रिहाई का संकेत देता दिखाई दे रहा है। वहीं, सियामक की रिहाई की खबर को लेकर ईरान के नॉरन्यूज ने कहा कि एक अज्ञात राष्ट्र ने तेहरान और वाशिंगटन के बीच कैदियों की एक साथ रिहाई के लिए मध्यस्थता की थी।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने जताई खुशी

वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमें आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव से यह जानकर बहुत खुशी हुई कि ईरान ने बाकर नमाज़ी पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध को हटा लिया है। नेड प्राइस ने एक रिलीज में कहा कि विभाग आभारी है कि सियामक नमाजी को अपने पिता के साथ रहने के लिए एक सप्ताह के लिए रिहा कर दिया गया है।

ईरान में हो रहे सरकार विरोधी-प्रदर्शन

बता दें कि ईरान में इन दिनों हिजाब को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। 2019 के बाद से इतने बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी-प्रदर्शनों में दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं। महसा अमिनी की मौत के बाद से पूरे देश में अशांति का माहौल है।

क्रेडिट ; जागरण

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