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ईरान ने परमाणु संधि को लेकर 21 फरवरी डेडलाइन तय कर दी है।
ईरान ने परमाणु संधि को लेकर 21 फरवरी डेडलाइन तय कर दी है। उसने कहा है कि यदि इस दिन तक सभी संबंधित पक्षों ने 2015 की परमाणु संधि की शर्तो का पालन नहीं किया तो वह संयुक्त राष्ट्र(यूएन) की परमाणु निगरानी समिति के अगले सप्ताह होने वाले निरीक्षण को रोक देगा। ईरान का यह फैसला अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए भी समझौते पर दोबारा आने के की चुनौती के रूप में सामने आया है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबजादेह ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समिति को निरीक्षण ही नहीं करने दिया जाएगा। ये सभी कदम वापस लिए जा सकते हैं, अगर सभी संबंधित पक्ष अपने किए हुए समझौते का पालन करें।
ज्ञात हो कि 2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था। इसके बाद ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे। अमेरिका का आरोप था कि ईरान समझौते का उल्लंघन कर रहा है और परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। हांलाकि ईरान ने इससे इन्कार किया था। इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर आ गया।
हाल ही में हुए चुनाव में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने घोषणा की थी कि वे ट्रंप के उस निर्णय को वापस लेते हुए फिर समझौते की ओर लौटेंगे। ईरान की ताजा घोषणा से अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। ईरान ने गेंद संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के पाले में डाल दी है।
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