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ईरान ने कहा बदला लेंगे, पड़ेगा परमाणु समझौता वार्ता पर बुरा असर

Neha Dani
14 April 2021 2:23 AM GMT
ईरान ने कहा बदला लेंगे, पड़ेगा परमाणु समझौता वार्ता पर बुरा असर
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हालांकि उसने कोई ऐसी जानकारी नहीं दी, जिससे संकेत मिलें कि इसमें उनके देश की सेना या खुफिया एजेंसी का हाथ है।

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने चेताया है कि उनके परमाणु संवर्धन केंद्र नतांज को नुकसान पहुंचाने के लिए हुआ हमला परमाणु समझौते पर जारी बातचीत पर बुरा असर डाल सकता है। उन्हाेंने मंगलवार को यहां दौरे पर आए रूसी विदेश मंत्री सर्गे लारोव की मेजबानी करते हुए कहा कि अगर उसे (अमेरिका को) लगता है इस प्रकार के हमले या कोई भी प्रतिबंध वियना में विश्व के शक्तिशाली देशों से जारी बातचीत में कोई फायदा पहुंचाएंगे, तो वह गलत है। दूसरी ओर अमेरिका का कहना है कि नतांज मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है।

11 अप्रैल को ईरान के तेहरान में स्थित इस परमाणु केंद्र पर नये आधुनिक यूरेनियम संवर्धित सेंट्रिफ्यूज लॉन्च करने के अगले ही दिन हादसा हो गया था। इसमें सेंट्रिफ्यूज क्षतिग्रस्त हुए हैं। ईरान का दावा है कि यह हादसा नहीं हमला था, जिसमें इस्राइल का हाथ है। ताजा बयान में जरीफ ने कहा कि नतांज जैसे हमले बातचीत को और मुश्किल बनाएंगे।
ईरान में इसे लेकर घरेलू रोष पनप रहा है, यहां के कट्टर राष्ट्रवादी समाचार पत्र केहन में ईरान को वियना बातचीत से वापस लौटने और परमाणु कार्यक्रम पर किए सभी वादे रद्द करने के लिए कहा गया है। हमले के लिए इस्राइल को जवाब देने के लिए कहा गया है और अमेरिका की मुख्य भूमिका बताई जा रही है।
बातचीत से वापस लौटना संभव नहीं
विशेषज्ञाें के अनुसार मौजूदा राष्ट्रपति हसन रोहानी को उम्मीद है कि अमेरिका ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटाएगा और बातचीत की टेबल पर आएगा। ऐसे में वह खुद बातचीत से हटेंगे, ऐसी आशंका कम है। ईरान को इस समय प्रतिबंध हटने, खासतौर से पेट्रोलियम उत्पाद बेचने जैसी राहत मिलने की सख्त जरूरत है ताकि अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके।
इस्राइल की मीडिया ने बताया साइबर हमला
नतांज हमले को पहले ग्रिड फेल होने की वजह से हुआ हादसा बताया जा रहा था। बाद में ईरान के कई नेताओं ने इसे इस्राइल और अमेरिका की शह पर हुआ हमला करार दिया। इस्राइली मीडिया के अनुसार यह एक साइबर हमला था, हालांकि उसने कोई ऐसी जानकारी नहीं दी, जिससे संकेत मिलें कि इसमें उनके देश की सेना या खुफिया एजेंसी का हाथ है।


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