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ईरान ने अंतरिक्ष में एक ठोस ईंधन वाला किया रॉकेट लॉन्च, अमेरिका समेत दूसरे देशों की चिंता बढ़ी

Neha Dani
27 Jun 2022 12:02 PM GMT
ईरान ने अंतरिक्ष में एक ठोस ईंधन वाला किया रॉकेट लॉन्च, अमेरिका समेत दूसरे देशों की चिंता बढ़ी
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जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसके परमाणु कार्यक्रम पर नजर न रख सकें.

दुनिया के कुछ बड़े देशों के साथ परमाणु समझौते पर रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने से पहले ईरान ने एक बड़ा धमाका किया है. उसके इस धमाके ने अमेरिका समेत अन्य शक्तिशाली देशों को भी अलर्ट कर दिया है. दरअसल, ईरान ने अंतरिक्ष में एक ठोस ईंधन वाला रॉकेट लॉन्च किया है. ईरान राज्य टेलीविजन ने इस लॉन्चिंग की पुष्टि की है.

सरकारी टीवी ने वीडियो भी किया जारी
तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में सरकारी मीडिया ने ईरान के ग्रामीण सेमनान प्रांत के इमाम खुमैनी स्पेसपोर्ट में विस्फोट की फुटेज प्रसारित की. ईरान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद होसैनी के अनुसार, 25.5 मीटर लंबे इस रॉकेट को लॉन्च करने का उद्देश्य, लो-अर्थ ऑर्बिट में डेटा एकत्र करना और ईरान के अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा देना है. यह 220 किलोग्राम (485 पाउंड) के उपग्रह को ले जाने में सक्षम है. वहीं, दूसरी तरफ व्हाइट हाउस ने इस कदम को असहाय और अस्थिर बताते हुए कहा कि यह ईरान के लिए मददगार नहीं होगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटती निगरानी के बीच आगे बढ़ रहा है.

कतर कर सकता है वार्ता की मेजबानी
ईरानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के परमाणु को लेकर चल रहे गतिरोध पर बात करने के लिए कतर वार्ता की मेजबानी करेगा. वहीं यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि, परमाणु समझौते पर बातचीत आने वाले दिनों में फारस की खाड़ी के एक देश में फिर से शुरू होगी. बता दें कि बोरेल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए तेहरान की यात्रा की थी. बोरेल ने बताया कि, ईरान ने बातचीत से पहले मांग की है कि वॉशिंगटन उसके अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड पर आतंकवाद प्रतिबंध हटा दे.

परमाणु प्लांट से ईरान हटा चुका है कई कैमरे
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 2018 में ईरान परमाणु समझौते से हटने के बाद तेहरान ने अपने परमाणु कार्य को तेज कर दिया था और अब यूरेनियम को पहले से कहीं अधिक हथियार-ग्रेड स्तर के करीब समृद्ध कर लिया है. ईरान ने इस महीने अपने परमाणु स्थलों से दो दर्जन से अधिक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के कैमरों को हटा दिया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसके परमाणु कार्यक्रम पर नजर न रख सकें.


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