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मौत से भी नहीं पसीजा ईरान दिल, महिला की लाश को चढ़ाया फांसी

Apurva Srivastav
23 Feb 2021 12:55 PM GMT
मौत से भी नहीं पसीजा ईरान दिल, महिला की लाश को चढ़ाया फांसी
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ईरान में शरिया कानून (Sharia Law) का एक क्रूर चेहरा सामने आया है. फांसी की सजा पाई एक महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई

ईरान में शरिया कानून (Sharia Law) का एक क्रूर चेहरा सामने आया है. फांसी की सजा पाई एक महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मगर प्रशासन का दिल नहीं पसीजा और उसकी लाश को फांसी चढ़ा दिया गया. जाहरा इस्माइली (Zahra Ismaili) पर अपने पति की हत्या का आरोप था. कहा जाता है कि ईरान का यह खुफिया अधिकारी अपनी पत्नी और बेटी के साथ मारपीट करता था. महिला को सिर्फ इसलिए फांसी चढ़ाया गया ताकि उसकी सास अपने बेटे की मौत का 'बदला' ले सके.

ईरान में कड़े शरिया कानून की वजह से ऐसा किया गया. महिला के वकील ने बताया कि जाहरा की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी, फिर भी उन्हें फांसी चढ़ाया गया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि पीड़िता की मां महिला की मौत की कुर्सी को लात मारकर उसे फांसी के फंदे पर चढ़ा सके. वकील ने बताया कि प्रशासन जाहरा को किसी भी कीमत पर फांसी चढ़ाना चाहता था ताकि उसकी सास मौत की कुर्सी को हटाने के अधिकार को हासिल कर सके.

लाइन में लगे हुए ही हो गई मौत

जाहरा के वकील ने पूरी अमानवीय प्रक्रिया के बारे बताते हुए कहा कि दो बच्चों की मां जाहरा से पहले 16 लोगों को फांसी चढ़ाई जानी थी. जाहरा को अपनी मौत का इंतजार करना था. तनाव और डर की वजह से उसकी फांसी के तख्ते पर जाने से पहले ही हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके बावजूद भी प्रशासन का दिल नहीं पसीजा. उसने लाश के हाथ बांधे और गर्दन में फांसी का फंदा लगाकर मौत की कुर्सी पर बैठा दिया. कराज कस्बे में स्थित रजाई शहर की कुख्यात जेल में उन्हें फांसी दे दी गई.

आंख के बदले आंख का कानून
ईरान में आंख के बदले आंख का कानून है. इसी के तहत महिला की सास को यह अधिकार दिया गया था कि वह अपने बेटे की मौत का बदला ले सके. चीन के बाद ईरान दूसरा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा फांसी दी जाती है. एक ही दिन में 17 लोगों को फांसी देना अपने आप में बहुत ही अमानवीय है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पिछले साल 233 लोगों को फांसी दी गई थी. इनमें तीन अपराधी तो नाबालिग थे.


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