ईरान ने विश्व की अन्य ताकतों के साथ परमाणु समझौते को लेकर जारी वार्ता में अमेरिका से सीधे संवाद की इच्छा जताई है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने यह कहते हुए अमेरिका के साथ सभी वार्ताओं पर रोक लगा दी थी कि उसके साथ वार्ता से ईरान को नुकसान होगा।हालांकि, इस माह की शुरुआत में खामनेई ने अमेरिका के साथ वार्ता करने के लिए ईरानी दल को हरी झंडी दिखा दी।
ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका से सीधी बातचीत की इच्छा जताते हुए कहा कि शत्रु के साथ वार्ता और संवाद का अर्थ आत्मसमर्पण नहीं है। ईरान की समाचार एजेंसी 'आईआरएनए' ने ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान के हवाले से कहा, यदि हम वार्ता प्रक्रिया में ऐसे चरण पर पहुंचते हैं, जहां अच्छी गारंटी के साथ अच्छा समझौता करने के लिए अमेरिकियों के साथ वार्ता की जरूरत होगी, तो हम इसे स्वीकार करेंगे।
ईरान ने ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन के साथ ऑस्ट्रिया के विएना में परमाणु वार्ता बहाल की है। अमेरिका इस वार्ता में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हुआ है, क्योंकि उसने 2018 में समझौते से अपना नाम वापस ले लिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसमें फिर से शामिल होने की इच्छा जाहिर की है।
ईरान को फिर मिला यूएनजीए में मतदान का अधिकार
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मुताबिक ईरान, गिनी और वानुआतु ने 193 सदस्यीय विश्व निकाय में अपने मतदान के अधिकार को फिर से हासिल करने के लिए नियमित संचालन बजट में पर्याप्त बकाया राशि का भुगतान कर दिया है। अब केवल वेनेजुएला और पापुआ न्यू गिनी के पास ही महासभा में मतदान का अधिकार नहीं है। यह कदम ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते में अमेरिका के फिर से शामिल होने का एक संभावित संकेत है।