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कतर की मीडिया कंपनी ‘अल-जजीरा’ के कई पत्रकारों के निजी फोन को एक ‘स्पाईवेयर’ से निशाना बनाया गया है।
कतर की मीडिया कंपनी 'अल-जजीरा' के कई पत्रकारों के निजी फोन को एक 'स्पाईवेयर' से निशाना बनाया गया है। आशंका है कि इसके तार सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों से जुड़े हो सकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब की सरकारों का हाथ होने की आशंका
'सिटिजन लैब' नामक संस्था की रविवार की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने एक ऐसे 'मैलवेयर' का पता लगाया है, जिससे 'अल जजीरा' के 36 पत्रकारों, निर्माताओं, एंकरों के निजी फोन में सेंध लगाई गई है। जानकारी के मुताबिक, इस मैलवेयर को इस्राइल स्थित एनएसओ समूह का समर्थन हासिल है, जो दमनकारी सरकारों को 'स्पाईवेयर' बेचने की खुले तौर पर निंदा करता रहा है।
'मैलवेयर' एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल फोन या कंप्यूटर से गोपनीय या निजी जानकारी चुराने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस 'मैलवेयर' से फोन के उपयोगकर्ता के बिना कुछ किए आई-मैसेज प्रभावित हुए हैं। सिटिजन लैब के अनुसार यह 'मैलवेयर' फोन को निर्देश देता है कि वे अपनी सामग्री एनएसओ से जुड़े सर्वरों पर अपलोड करें। ऐसा करते ही पत्रकारों का आईफोन निगरानी में आ जाता है।
इसमें न तो उपयोगकर्ता को किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है और न ही उसे धमकी भरे संदेश भेजे जाते हैं। संस्था का कहना है कि इस तरह के साइबर हमले जुलाई में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की उस घोषणा से कुछ ही सप्ताह पहले हुए थे।
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