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हस्तिनापुर उत्खनन आदि स्थानों के अवशेष है।
इंटरनेशनल म्यूजियम डे प्रत्येक वर्ष 18 मई को मनाया जाता है। साल 1983 में 18 मई को संयुक्त राष्ट्र ने संग्रहालय की विशेषता व महत्व को समझते हुए इंटरनेशनल म्यूजियम डे मनाने का फैसला किया। इसका मूल उद्देश्य जन सामान्य में संग्रहालयों के प्रति जागरूक व उनके कार्यकलापों के बारे में जन जागृति फैलाना था। इस दिवस की महत्ता को जानने के लिए मेरठ में भी शहीद स्मारक है, जो कि क्रांति गाथा के रूप में भी पहचाना जाता है।
क्रांति की दिलाता है याद मेरठ का शहीद स्मारक: रिपोर्ट्स के अनुसार शहीद स्मारक मेरठ के मालरोड पर बसा हुआ है। इस स्मारक में तमाम पुरातात्विक अवशेष भी मौजूद हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ड्रेस, हस्तिनापुर में खुदाई के वक़्त मिलने वाले अवशेष, बागपत व आसपास के क्षेत्रों से भी अवशेष मिले हैं, जोकि म्यूजियम में रखे हुए हैं।
हस्तिनापुर में म्यूजियम बनाने का हुआ एलान: केंद्र सरकार ने हस्तिनापुर में म्यूजियम बनाने का एलान भी किया जा चुका है। जिस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण म्यूजियम के लिए प्रयासरत है और वहां मिलने वाले पुरातात्विक अवशेषों को ASI के कार्यालय में संभालकर रखा जा रहा है।
ऑनलाइन घूम सकते हैं म्यूजियम: हम बता दें कि देश के खास म्यूजियम व उत्खन्न के प्राप्त अवशेषों का दर्शन ऑनलाइन भी कर सकते है। जिसके लिए indianculthure.nic.in/vartual-museums है। वर्चुअल म्यूजियम में इलाहाबाद म्यूजियम, नेशनल म्यूजियम, एनजीएमए, बंगलुरू, विक्टोरिया मैमोरियल हाल कोलकाता, नेहरू मेमोरियल, म्यूजियम, एएसआई, म्यूजियम रत्नागिरी, एएसआई ताज म्यूजियम, हस्तिनापुर उत्खनन आदि स्थानों के अवशेष है।
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