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आतंकवाद के मुद्दे पर मजबूत हो अंतरराष्ट्रीय कानून, विदेश राज्यमंत्री लेखी ने कहा- भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित...

Neha Dani
11 May 2022 2:10 AM GMT
आतंकवाद के मुद्दे पर मजबूत हो अंतरराष्ट्रीय कानून, विदेश राज्यमंत्री लेखी ने कहा- भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित...
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इसके लिए सभी सदस्य देशों से समन्वित और बिना सीमा प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता होगी।

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने स्पेन के मलागा शहर में संयुक्त राष्ट्र की ओर से आयोजित मानवाधिकार, नागरिक समाज और आतंकवाद विरोधी उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद का मुद्दा उठाया।

लेखी ने कहा कि इस उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने की खुशी है। उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा, "आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है। भारत आतंकवाद का शिकार रहा है, खासकर सीमा पार आतंकवाद का और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों, जैसे लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद और उसके सहयोगी और करीबी संगठनों के।"
लेखी न आगे कहा कि "हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को जल्द से जल्द अपनाकर अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है। जिससे आतंकवाद को परिभाषित किया जा सके और विशेष कानूनों के तहत आतंकवादियों पर मुकदमा चलाया जा सके। साथ ही सीमा पार आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर एक प्रत्यर्पण योग्य अपराध बनाया जा सके।"
उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि "यह खेदजनक है कि इन नृशंस आतंकवादी हमलों में से कई के पीड़ितों को न्याय मिलना बाकी है, लेकिन इन हमलों के साजिशकर्ता, सहायताकर्ता और वित्तपोषक एक देश के समर्थन और आतिथ्य के तहत स्वतंत्र रूप से अपना अभियान चला रहे हैं।"
लेखी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम राजनीतिक प्रेरणाओं के आधार पर आतंकवाद का लेबल लगाने से बचें। आतंकवादी कोई फरिश्ता नहीं हैं। यदि हम सभी देशों की सीमाओं के बिना आतंकवाद के खतरे को देखते हैं, तो इसके लिए सभी सदस्य देशों से समन्वित और बिना सीमा प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता होगी।


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