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International Day Of Peace 2021: क्यों मनाया जाता है विश्व शांति दिवस और क्या है इस साल की थीम

Neha Dani
21 Sep 2021 2:22 AM GMT
International Day Of Peace 2021: क्यों मनाया जाता है विश्व शांति दिवस और क्या है इस साल की थीम
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लेकिन भारत ने एलएसी पर आक्रामक तेवर दिखाकर जता दिया है कि हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

विश्व शांति दिवस के दिन शांति से ज्यादा अशांति की चर्चा करना इस समय की मजबूरी है। आज दुनिया कितनी शांत है इसे यूं बयां किया जा सकता है कि बस कहीं बड़ी तोपें नहीं गरज रहीं, क्योंकि जंग ने रूप बदल लिया है।

दक्षिण चीन सागर में अमेरिका,जापान और ब्रिटेन के पोत गश्त लगा रहे हैं। अफ्रीकी और कई मध्य एशियाई देशों में गृह युद्ध और अस्थिरता का आलम है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु जखीरे में 25 फीसदी की बढ़ोतरी कर ली है। अर्मीनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र नागोरनो-काराबाख को लेकर छिड़ी जंग भले ही शांत हो चुकी है, लेकिन तनाव बरकरार है। अफगानिस्तान के हालात दिख ही रहे हैं। क्वाड और ऑकस ने एक नए किस्म के तनाव को जन्म दे दिया है। देखते हैं एक नजर किस तरह अशांत है अपनी दुनिया
अमेरिका और चीन की गोलबंदी :
अमेरिका ने गोलबंदी तेज कर दी है। अमेरिका ने क्वाड के बाद ऑकस नाम से एक और सैन्य गठबंधन बनाया है। क्वाड में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत हैं। जबकि ऑकस में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन हैं। अमेरिका का मकसद विस्तारवादी चीन के खिलाफ भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया को मजबूत करना है। इसी के तहत दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और ब्रिटेन के विमान वाहक पोत गरज रहे हैं। ताइवान को लेकर भी चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से तनाव है। दूसरी तरफ चीन के साथ उत्तर कोरिया और पाकिस्तान जैसे परमाणु संपन्न देश हैं। इसके अलावा चीन के ईरान, तुर्की और रूस से भी अच्छे रिश्ते हैं।
अमेरिका बनाम ईरान :
ईरान ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य वापसी का समर्थन किया है। वर्ष 2020 में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से दोनों देशों के बीच सर्वाधिक तनाव युक्त हो गए। इसके कारण ही इराक स्थित अमेरिकी ऐयरबेस पर हमला किया गया।
भारत बनाम चीन-पाकिस्तान
भारत एक साथ दो मोर्चे पर खतरा महसूस करता है। पाकिस्तान को चीन अपना सदाबहार दोस्त बताता है, इसलिए भारत को दोनों की तरफ से एक साथ संयुक्त हमले का खतरा हो सकता है। पुलवामा हमले के बाद से भारत-पाक संबंध न्यूनतम स्तर पर हैं। 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद भारत और चीन के रिश्ते बेपटरी हो गए हैं। चीन भले ही पाक को लड़ाकू विमान, मिसाइल और परमाणु तकनीक मुहैया करा रहा हो, लेकिन भारत ने एलएसी पर आक्रामक तेवर दिखाकर जता दिया है कि हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।


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