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बीजिंग (आईएएनएस)| मानव सभ्यता के जन्म से ही पक्षियों का मानव से बहुत ही घनिष्ठ संबंध रहा है। सामान्य मानव जीवन को सुनिश्चित करने के लिए एक अच्छा पारिस्थितिक पर्यावरण महत्वपूर्ण है। पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करने में पक्षी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
लेकिन लंबे समय से पक्षियों के अस्तित्व और उनके आवासों को खतरों और अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी लिए पूरे दुनिया को पक्षियों और उनके आवासों की रक्षा के लिए हाथ मिलाकर काम करने की आवश्यकता है। पक्षी संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए, दुनिया भर के विभिन्न देशों ने पक्षी दिवस, पक्षी महोत्सव, पक्षी सप्ताह या पक्षी माह को अपने मौसमी जलवायु के अनुसार निर्धारित किया है। पक्षियों के संरक्षण के लिए विश्व सम्मेलन के मुताबिक प्रत्येक 1 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय पक्षी दिवस है। वर्ष 1981 से, चीन ने हर साल अप्रैल से मई की शुरूआत तक एक सप्ताह को पक्षी सप्ताह के रूप में नामित किया है।
प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) जारी संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची के अनुसार, वर्ष 1988 में प्रजातियों के पहले व्यापक मूल्यांकन के बाद से दुनिया भर में पक्षियों की संख्या लगातार कम हो रही है, मानवीय गतिविधियों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव इसके सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। पक्षियों के लिये मुख्य खतरे निवास स्थान का खतरा, जैविक आक्रमण, जलवायु परिवर्तन और अवैध शिकार हैं। वनों की कटाई, आर्थिक वनों के वैकल्पिक रोपण, आद्र्रभूमि पुनग्र्रहण आदि कारकों से अपना आवास क्षरण और हानि संकटग्रस्त पक्षियों के लिए शीर्ष जोखिम कारक है। सभी कारकों में इसका अनुपात 80.8 प्रतिशत है। पयार्वास विनाश, पक्षी भोजन में कमी की ओर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जाता है, इससे संपूर्ण जैविक श्रृंखला प्रभावित होती है, इसलिए संरक्षण कदम अत्यावश्यक है। आईयूसीएन के अनुसार, दुनिया भर पक्षियों की प्रजातियों की कुल संख्या 11147 है और इनमें से संकटग्रस्त पक्षियों की प्रजातियों की संख्या 1486 है।
दुनिया में सबसे अधिक पक्षी संसाधनों वाले देशों में से एक के रूप में, चीन पक्षी संरक्षण को न केवल सक्रिय रूप से बढ़ाता है बल्कि पक्षी संसाधनों और प्रवासी पक्षियों के प्रवास का प्रभावी संरक्षण करने के लिये पक्षियों के आवासों और माइग्रेशन स्टॉपओवर स्थलों की सुरक्षा को भी मजबूत किया है और पक्षी प्रजातियों की संख्या के उद्भव को बनाए रखा है, पक्षी संरक्षण के लिये विभिन्न स्तरीय आरक्षित प्रकृति क्षेत्रों की स्थापना की है। साथ ही, प्रासंगिक चीनी संस्थान लुप्तप्राय पक्षियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कृत्रिम प्रजनन, वर्चस्व और जंगल में पुन: प्रवेश पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ प्रवासी पक्षी प्रवास मार्गों की संयुक्त रखवाली करने के लिये चीन प्रवासी पक्षी संरक्षण प्रणाली का सक्रिय रूप से निर्माण कर रहा है और अंतर्राष्ट्रीयसहयोग को मजबूत कर रहा है।
वर्ष 2022 के अंत में, वेटलैंड्स पर कन्वेंशन की पार्टियों के 14वें सम्मेलन में चीन ने घोषणा की कि चीन से होकर गुजरने वाले चार प्रवासी पक्षी प्रवास मार्गों की रक्षा के लिए चीन अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देगा। चीन के जोरदार संरक्षण के कारण अनेक दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रवासी पक्षियों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। वेटलैंड्स पर कन्वेंशन की पार्टियों के 14वें सम्मेलन के मुताबिक, चीन में प्लैटालिया माइनर की कुल संख्या 1980 के दशक में 300 से बढ़कर मौजूदा लगभग 6000 पहुंची है। चीन में काली गर्दन वाले सारसों की कुल संख्या 1990 के दशक में 5,000 से अधिक से बढ़कर मौजूदा 15,000 से अधिक हो गई है, जबकि सफेद सारसों की कुल संख्या 3,000 से बढ़कर लगभग 10,000 हो गई है। ये प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्तप्राय स्थिति से बेहतरी की ओर हैं। यह बात वैश्विक प्रवासी पक्षी संरक्षण के भविष्य की आशा प्रदान करती है।
प्रचुर मात्रा में पक्षी संसाधन मानव के लिए प्रकृति द्वारा छोड़ी गई अनमोल प्राकृतिक विरासत हैं। सभी लोगों को पक्षी संसाधनों की रक्षा की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। पक्षियों को प्रभावी ढंग से बचाने के लिए, पहला, वन्यजीव संरक्षण कानून और अन्य प्रासंगिक कानूनों व विनियमों का सचेत रूप से पालन करें। दूसरा, जंगली पक्षियों से दूर रहें, जंगली पक्षियों के जीवन में बाधा न डालें और जंगली पक्षियों के आवासों को नष्ट न करें। तीसरा, पक्षी देखने और जंगली पक्षी फोटोग्राफी करने को सचेत रूप से विनियमित करें और जंगली पक्षियों के जीवन के प्राकृतिक नियमों का पूरी तरह से सम्मान करें। चौथा, जंगली पक्षियों को पालतू जानवर के रूप में न रखें और पक्षियों को बंद करने के बजाय उन्हें दूर से देखें। पांचवां, यदि घायल, बीमार, भूखे या फंसे हुए जंगली पक्षी पाए जाते हैं, तो उन्हें समय पर स्थानीय वन्यजीव बचाव विभाग को सूचित किया जाए। मृत जंगली पक्षियों को न तो उठाया जाएं और न ही छुआ जाएं। छठा, यदि लोगों को जंगली पक्षियों को पकड़ने, जहर देने, शिकार करने या जंगली पक्षियों के आवासों को नष्ट करने आदि अवैध गतिविधियां मिलती हैं, तो तुरंत ही स्थानीय वन्यजीव संरक्षण विभाग को सूचित किया जाए।
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Rani Sahu
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