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श्रीलंका में पेट्रोलियम उत्पाद बेचने में दिलचस्पी दिखाई, भारतीय कंपनी भी शामिल

Neha Dani
29 Aug 2022 10:55 AM GMT
श्रीलंका में पेट्रोलियम उत्पाद बेचने में दिलचस्पी दिखाई, भारतीय कंपनी भी शामिल
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श्रीलंका को मदद मिल सके। इससे पहले बुधवार को पहले दौर की वार्ता हुई थी। पिछले तीन महीने में IMF की यह दूसरी श्रीलंका यात्रा है।

श्रीलंका के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि भारत सहित 10 देशों की 24 कंपनियों ने देश में पेट्रोलियम उत्पादों को बेचने में रुचि दिखाई है। श्रीलंका दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है, जो विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण उत्पन्न हुआ है। यहां स्थिति ऐसी हो गयी है कि अब जरूरत की चीजें नहीं मिल रही है और लोग देश छोड़ रहे हैं।


कई देशों ने दिखाई दिलचस्पी
स्थानीय समाचार पोर्टल कोलंबो पेज ने रविवार को बताया कि ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत, रूस, ब्रिटेन, फिलीपींस ने श्रीलंका के पेट्रोलियम क्षेत्र में शामिल होने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। जुलाई में, बिजली और ऊर्जा मंत्रालय ने लंबी अवधि के आधार पर श्रीलंका में पेट्रोलियम उत्पादों के वितरण और बिक्री के लिए अपने धन का उपयोग करते हुए पेट्रोलियम उत्पादक देशों में स्थापित कंपनियों से EOI की मांग की थी।

इंडियन आयल खोलेगा 50 ईंधन स्टेशन
रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय द्वारा नियुक्त पैनल अब इन प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगा। प्रस्तावों के लिए अनुरोध जारी करेगा और छह सप्ताह में प्रक्रिया को अंतिम रूप देगा। पिछले महीने, इंडियन आयल कारपोरेशन (IOC) ने कहा था कि वह 50 ईंधन स्टेशन खोलकर और भंडारण टैंक और अन्य उपकरणों में निवेश करके श्रीलंका में खुद को विस्तार करेगा।

बता दें कि भारतीय ईंधन रिटेलर की श्रीलंकाई शाखा LIOC जून के अंत और जुलाई के मध्य के बीच ईंधन की आपूर्ति करने वाली देश की एकमात्र इकाई थी, जब देश में प्रदर्शन का दौर चल रहा था। श्रीलंका के स्वामित्व वाली इकाई Ceylon Petroleum Corporation जून के मध्य में आपूर्ति करना बंद कर दी थी।

IMF के साथ श्रीलंका की बातचीत जारी
इसी बीच, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और IMF की टीम के बीच शुक्रवार को दूसरे राउंड की बातचीत हुई। इस बातचीत में बेलआउट पैकेज को अंतिम रूप देने को लेकर चर्चा की गई। ताकि गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे श्रीलंका को मदद मिल सके। इससे पहले बुधवार को पहले दौर की वार्ता हुई थी। पिछले तीन महीने में IMF की यह दूसरी श्रीलंका यात्रा है।

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