विश्व

खुफिया विभाग ने स्थिति बिगड़ने के लिए किया आगाह, अमेरिका में यूक्रेन को लंबी दूरी वाले हथियार देने पर विचार

Gulabi Jagat
27 May 2022 2:10 PM GMT
खुफिया विभाग ने स्थिति बिगड़ने के लिए किया आगाह, अमेरिका में यूक्रेन को लंबी दूरी वाले हथियार देने पर विचार
x
यूक्रेन को लंबी दूरी वाले हथियार देने पर विचार
वाशिंगटन, रायटर। यूक्रेन को अमेरिका से 20 अरब डालर (करीब 1.55 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा के हथियार दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। यूक्रेन इस धनराशि से लंबी दूरी तक मार करने वाले संवेदनशील हथियार चाहता है। अमेरिका भी रूस को सबक सिखाने के लिए यूक्रेन को यह हथियार देने पर विचार कर रहा है। लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने सरकार को तनाव बढ़ने की आशंका से आगाह किया है। कहा है कि रूसी सीमा के भीतर हमला होने से स्थिति बिगड़ सकती है और युद्ध अप्रत्याशित रूप से भड़क सकता है।
रूस पर हमला हुआ तो स्थिति बहुत बिगड़ जाएगी : लावरोव
रूस ने भी लंबी दूरी के हथियारों को लेकर पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी देशों को लंबी दूरी की मार करने वाले हथियार यूक्रेन को देने की योजना पर आगाह किया है। कहा है कि उन हथियारों का इस्तेमाल रूस पर हमले के लिए हुआ तो स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ जाएगी। बाइडन प्रशासन यूक्रेन को एम 142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी राकेट सिस्टम (एचआइएमएआरएस) देने पर विचार कर रहा है, जिसकी मारक क्षमता सैकड़ों किलोमीटर होती है।
इसके अतिरिक्त यूक्रेन को एम 777 हावित्जर तोप भी देने पर विचार किया जा रहा है। जबकि डेनमार्क ने हार्पून एंटी शिप मिसाइल देने की घोषणा की है जिससे यूक्रेन की नौसेना की लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता बढ़ जाएगी। लेकिन अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने इस विचार से जुड़ी शंकाओं से प्रशासन को आगाह कर रहा है। कहा है कि इससे तनाव बढ़ सकता है।
इससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यूक्रेन युद्ध को लेकर नजरिया बदल सकता है, जिसके कारण हालात बिगड़ सकते हैं। अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस के डायरेक्टर अविरिल हेंस ने सीनेट को इस आशंका से आगाह किया है। रूसी सीमा के भीतर बेलगोरोद शहर में तेल भंडार पर हमले और कुछ गांवों में बमबारी के अतिरिक्त यूक्रेनी सेना के रूस पर हमले की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार यूक्रेन रूस की सीमा के भीतर हमले से जुड़े खतरों को जानता है, इसीलिए उसने तीन महीने के युद्ध में कभी घोषित तौर पर रूसी की सीमा के भीतर जवाबी हमले का साहस नहीं किया। अमेरिका को इस खतरे का एहसास है। इसीलिए यूक्रेन द्वारा बार-बार मांगे जाने के बावजूद नाटो ने उसे लड़ाकू विमान मुहैया नहीं कराए। अमेरिकी सेना के पूर्व अधिकारी क्रो के अनुसार संवेदनशील हथियारों का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ किया जाता है, न कि जोश में आकर। अमेरिका रूस और यूक्रेन के बीच इतना तनाव नहीं चाहता कि स्थितियां हाथ से निकल जाएं।
Next Story