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हमें युवाओं को असली पाकिस्तान दिखाने की जिम्मेदारी क्यों नहीं देनी चाहिए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के फिल्म निर्माताओं से आग्रह किया है कि वो बॉलीवुड को कॉपी करने के बजाय मूल सामग्री पर ध्यान केंद्रित करें और फिल्म निर्माण के नए तरीकों को अपनाएं।
इस्लामाबाद में लघु फिल्म समारोह में एक कार्यक्रम के दौरान, इमरान ने कहा कि शुरुआत में कुछ गलतियां की गईं क्योंकि पाकिस्तानी फिल्म उद्योग बॉलीवुड से प्रभावित था। इसके परिणामस्वरूप दूसरी संस्कृति की नकल की गई और उसे अपनाया गया।
डॉन अखबार के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैं युवा फिल्म निर्माताओं से कहना चाहता हूं, वह यह है कि दुनिया के मेरे अनुभव के अनुसार, केवल मौलिकता बिकती है- नकल का कोई मूल्य नहीं है।' इमरान खान ने मौलिकता के महत्व पर जोर देते हुए आग्रह किया कि पाकिस्तानी फिल्म उद्योग को सोचने का एक नया तरीका लाना चाहिए।
पाकिस्तानी संस्कृति पर हॉलीवुड और बॉलीवुड के प्रभाव का जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा कि लोग स्थानीय फिल्में तब तक नहीं देखते जब तक कि उसमें व्यावसायिक सामग्री शामिल न की गई हो। उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए मेरी युवा फिल्म निर्माताओं से अपनी मूल सोच लाने की सलाह है और असफलता से नहीं डरना है। यह मेरे जीवन का अनुभव है कि जो हार से डरता है वह कभी नहीं जीत सकता।'
इमरान खान ने देश की नरम छवि को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी निशाना साधा और कहा कि नरम छवि हीनता और रक्षात्मकता की भावना पर आधारित थी, जब पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ युद्ध के दौरान गलत तरीके से पेश किया जाता था।
इस दौरान उन्होंने कहा, 'दुनिया उसी का सम्मान करती है जो खुद का सम्मान करता है।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तानियत को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आइएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कहा कि पाकिस्तान की धारणा को सुधारने के लिए काम करने का समय आ गया है। जनरल बाबर ने कहा कि यह फिल्म समारोह उसी प्रयास का एक छोटा सा हिस्सा था। इस दौरान उन्होंने सवाल करते हुए यह भी कहा कि हमें युवाओं को असली पाकिस्तान दिखाने की जिम्मेदारी क्यों नहीं देनी चाहिए।
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