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भ्रष्टाचार से निपटने की जानकारी जनता को दी जाएगी, महंगाई से राहत के लिए नई योजना का एलान

Kajal Dubey
16 July 2022 6:49 PM GMT
भ्रष्टाचार से निपटने की जानकारी जनता को दी जाएगी, महंगाई से राहत के लिए नई योजना का एलान
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श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार की सुबह अपने मंत्रियों और सांसदों के साथ चर्चा के बाद कहा है कि आर्थिक दबाव के कारण संघर्ष कर रही जनता को ईंधन, गैस और आवश्यक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए एक राहत कार्यक्रम तत्काल लागू करने का निर्णय लिया गया है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय के मीडिया डिविजन की ओर से यह जानकारी दी गई है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगस्त में पेश होने वाले बजट में राहत योजना के लिए अतिरिक्त धन मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में तेजी लाने का सुझाव भी दिया है। इस दौरान श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि व्यवसायियों को बिना किसी बाधा के व्यवसाय चलाने के लिए जरूरी वातावरण तैयार करने की योजना भी बनाई गई है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय के मीडिया डिविजन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कार्यवाहक राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने वाले प्रदर्शनकारियों ने अपने प्रदर्शन के दौरान जो प्लान सौंपा था वह एक बढ़िया प्लान था। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार की ओर से जो कदम उठाए जाएंगे उसकी जानकारी कार्यकर्ताओं को दी जाएगी।
आपको बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक संकट अपने चरम पर पहुंच गया है। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों के खाने पर आफत आ गई है। इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि देश में 60 लाख से अधिक लोगों पर खाने का संकट मंडरा रहा है।
श्रीलंका फिलहाल गंभीर विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा है और सरकार आवश्यक आयात के बिल को वहन करने में भी असमर्थ है। इतना ही नहीं पेट्रोल की किल्लत इस कदर है कि हाई प्रोफाइल लोगों जिनमें क्रिकेटर से लेकर राजनेता तक शामिल हैं को दो-दो दिनों तक लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज श्रीलंका में संसद की विशेष बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कार्यवाही शुरू की जाएगी। 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति के चुने जाने की संभावना है। समुद्रतटीय राष्ट्र के इतिहास में यह पहली बार है कि राष्ट्रपति की नियुक्ति सांसदों द्वारा की जाएगी, न कि लोकप्रिय जनादेश द्वारा।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया ने देश छोड़ने के बाद इस्तीफे का एलान कर दिया है। उसके बाद प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति का पदभार संभाला है।
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