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युद्ध के बीच यूक्रेन में इस बार भी रिकार्ड पैदावार होने की संभावना जताई गई है।
इंडोनेशिया में शुक्रवार से जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों का सम्मेलन चल रहा है। इस बैठक में अमेरिका समेत रूस के विदेश मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच हो रही इस बैठक की अहमियत इसलिए काफी बढ़ गई है। इस सम्मेलन की शुरुआत में ही इस पर इस युद्ध का साया भी देखा जा रहा है।
इंडोनेशिया की विदेश मंत्री ने रूस से किया सवाल
इसकी एक बानगी इस दौरान तब दिखाई दी जब इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेत्नो मारसुदी ने रूस के विदेश मंत्री सर्गी लेवरोव (Sergei Lavrov) से पत्रकारों के समक्ष ये पूछ लिया कि आपने यूक्रेन पर क्या हमला किया है। सम्मेलन से पहले ही एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि रूस के इस सम्मेलन में शामिल होने से इस सम्मेलन के सामान्य रहने की उम्मीद काफी कम है।
युद्ध रोकने के लिए प्रयास करने की पहल
बैठक के दौरान मारसुदी ने सीधेतौर पर रूस के विदेश मंत्री लावरोव से कहा कि युद्ध किसी समाधान का जरिया नहीं हो सकता है। इसलिए ये हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम सभी इस युद्ध को रोकें और फिर बातचीत की मेज पर आकर आपसी विवादों का समाधान करें। इनको युद्ध के मैदान में नहीं सुलझाया जा सकता है।
अमेरिका का रूस से सवाल
इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी रूस से कहा कि यूक्रेन उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और न ही उनके अधीन है। ऐसे में यूक्रेन का अनाज भी रूस का नहीं है। इस अनाज का बाहरी दुनिया इंतजार कर रही है। रूस कैसे यूक्रेन के पोत पर रोक लगाकर इस अनाज को बाहर जाने से रोक सकता है। ब्लिंकन ने रूस से अपील की कि उन्हें इस रोक को हटाकर इस अनाज को बाहरी दुनिया को भेजना चाहिए।
युद्ध और खाद्य असुरक्षा के साए में सम्मेलन
बता दें कि इस बार हो रहा ये सम्मेलन खाद्य और ऊर्जा की असुरक्षा के साए में हो रहा है। अमेरिका की तरफ से जो सवाल रूस के समक्ष किए गए हैं उनके अतीत में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर का वो बयान है जो उन्होंने कुछ दिन पहले दिया था। वोलोदिमीर का कहना था कि देश के पोत पर लाखों टन अनाज निर्यात की प्रतीक्षा कर रहा है।
उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें इसकी सुरक्षा को लेकर खतरा है। इसके बावजूद वो सड़क और दूसरे विकल्पों से इसको दूसरे देशों तक भेजना चाहते हैं। काला सागर में मौजूद रूसी जंगी जहाजों का जिक्र करते हुए उन्होंने ये भी कहा था कि इस रास्ते पर खतरा है। इसलिए वो तुर्की से इस बारे में बात कर रहे हैं, जिससे वहां के रास्ते इस अनाज को दूसरे देशों तक भेजा जा सके। युद्ध के बीच यूक्रेन में इस बार भी रिकार्ड पैदावार होने की संभावना जताई गई है।
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