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भारत-अमेरिका की बढ़ेगी मुसीबत, समुद्र में चीन की ताकत बनी यह चीज

Gulabi
29 Nov 2020 3:36 PM GMT
भारत-अमेरिका की बढ़ेगी मुसीबत, समुद्र में चीन की ताकत बनी यह चीज
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पूरी दुनिया में अपनी आक्रामक नीतियों के लिए बदनाम चीन अब समुद्र में नया गेम खेल रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूरी दुनिया में अपनी आक्रामक नीतियों के लिए बदनाम चीन अब समुद्र में नया गेम खेल रहा है। उसकी शक्तिशाली परमाणु पनडुब्बियां गुपचुप तरीके से साउथ चाइना सी, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर का चक्कर काट रही हैं। ये पनडुब्बियां इतने शांत ढंग से पानी के नीचे गश्त कर रही हैं कि इनका पता लगाना अमेरिका के लिए भी चुनौती बना हुआ है। हालांकि, भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं समुद्र में चीनी पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। हाल के दिनों में इन चारों देशों के बीच मिलिट्री कोऑपरेशन और गुप्त सूचनाएं भी साझा की जा रही हैं।

खतरनाक क्रूज मिसाइलों से लैस है यह पनडुब्बी


चीन की इन अत्याधुनिक पनडुब्बियों को टाइप 093 के नाम से जाना जाता है। परमाणु शक्ति से चलने वाली इन पनडुब्बियों को शेंग क्लास की पनडुब्बी भी कहा जाता है। इस पनडुब्बी को चाइना शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ने बनाया है। यह पनडुब्बी लंबी दूरी के वाईजे-18 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के साथ छोटी दूरी के सीजे-1500 क्रूज मिसाइल से लैस है। परमाणु शक्ति से चलने के कारण इस क्लास की पनडुब्बियां समुद्र में महीनों तक गुपचुप तरीके से ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम हैं। वाईजे-18 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 540 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है जबकि सीजे-1500 10 किलोमीटर की दूरी में किसी भी हवाई टारगेट को मार गिराने में सक्षम है।

घातक टॉरपीडो डूबा सकते हैं कोई भी शिप


यह पनडुब्बी एक बार में 22 टॉरपीडो के साथ किसी मिशन को अंजाम दे सकती है। इसमें थर्मल टॉरपीडो और इलेक्ट्रिक टॉरपीडो भी शामिल हैं। जिनका उपयोग मिशन के आधार पर किया जा सकता है। 11 जून, 2018 को राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जब टाइप -93 ए का दौरा किया, तो वाईजे -18 लॉन्च ट्यूब दिखाई दिए थे। इस मिसाइलों के जरिए दुश्मन के किसी जहाज या जमीन पर मौजूद ठिकाने को निशाना बनाया जा सकता है।

चीन की तैयारी ने बढ़ाई अमेरिका-भारत की टेंशन

चीन की इस तैयारी को देखते हुए अमेरिका और भारत की टेंशन बढ़ गई है। अमेरिका के पूर्व रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने कहा था कि चीन से टक्‍कर के लिए बनाई जा रही बैटल फोर्स 2045 के तहत हमें जल्‍द से जल्‍द हर साल वर्जीनिया क्‍लास की तीन परमाणु सबमरीन बनाना होगा। ये विशाल और ज्‍यादा ताकतवर सबमरीन 70 से 80 की संख्‍या में बनाई जानी हैं। इसे भविष्‍य में महाशक्तियों की जंग में सबसे ज्‍यादा कारगर हमलावर हथियार माना जा रहा है।

एशिया में अमेरिका को चुनौती दे रहा है चीन


तेजी से शक्तिशाली हो रहा चीन एशिया में अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती दे रहा है। चीन की बढ़ती ताकत और आक्रामक नीतियों की वजह से वैश्विक व्यवस्था के साथ ही एशिया महाद्वीप में भी एक नया ऑर्डर देखने को मिल रहा है। चीन ने अपनी सैन्य और आर्थिक क्षमता को बढ़ाकर एशिया में अपनी मौजूदगी को प्रभावशाली बनाया है। उसने फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे परंपरागत रूप से अमेरिका के करीबी देशों को भी अपनी तरफ खींचने में सफलता पाई है।

एशिया में किन-किन देशों को चीन से खतरा

एशिया में चीन की विस्तारवादी नीतियों से भारत को सबसे ज्यादा खतरा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण लद्दाख में चीनी फौज के जमावड़े से मिल रहा है। इसके अलावा चीन और जापान में भी पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर तनाव चरम पर है। हाल में ही जापान ने एक चीनी पनडुब्बी को अपने जलक्षेत्र से खदेड़ा था। चीन कई बार ताइवान पर भी खुलेआम सेना के प्रयोग की धमकी दे चुका है। इन दिनों चीनी फाइटर जेट्स ने भी कई बार ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। वहीं चीन का फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया के साथ भी विवाद है।


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