बर्लिन: जर्मन वैज्ञानिक इंडो-यूरोपीय भाषाओं की उत्पत्ति के बारे में नए प्रस्ताव लेकर आए हैं। उनका मानना है कि इंडो-यूरोपीय भाषाएँ 8100 वर्ष पुरानी हो सकती हैं। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन किया है। अध्ययन के नतीजे साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि लगभग 7,000 साल पहले इंडो-यूरोपीय भाषाएँ पाँच शाखाओं में विभाजित हो गईं।उत्पत्ति के बारे में नए प्रस्ताव लेकर आए हैं। उनका मानना है कि इंडो-यूरोपीय भाषाएँ 8100 वर्ष पुरानी हो सकती हैं। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन किया है। अध्ययन के नतीजे साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि लगभग 7,000 साल पहले इंडो-यूरोपीय भाषाएँ पाँच शाखाओं में विभाजित हो गईं।उत्पत्ति के बारे में नए प्रस्ताव लेकर आए हैं। उनका मानना है कि इंडो-यूरोपीय भाषाएँ 8100 वर्ष पुरानी हो सकती हैं। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन किया है। अध्ययन के नतीजे साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि लगभग 7,000 साल पहले इंडो-यूरोपीय भाषाएँ पाँच शाखाओं में विभाजित हो गईं।उत्पत्ति के बारे में नए प्रस्ताव लेकर आए हैं। उनका मानना है कि इंडो-यूरोपीय भाषाएँ 8100 वर्ष पुरानी हो सकती हैं। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन किया है। अध्ययन के नतीजे साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि लगभग 7,000 साल पहले इंडो-यूरोपीय भाषाएँ पाँच शाखाओं में विभाजित हो गईं।