विश्व

भारत के बेहद करीबी दोस्त ने बनाया सबसे खतरनाक सर्विलांस सिस्टम, दुश्मन की हर हरकत पर रहेगी नजर

Neha Dani
17 Feb 2021 2:44 AM GMT
भारत के बेहद करीबी दोस्त ने बनाया सबसे खतरनाक सर्विलांस सिस्टम, दुश्मन की हर हरकत पर रहेगी नजर
x
जिसके बाद वह किसी भी हिस्‍से में लोगों पर नजर रख सकता है.

टेक्‍नोलॉजी और इंटेलीजेंस सेक्‍टर में दुनिया को नई टेक्‍नोलॉजी से मिलवाने वाले इजरायलन ने अब एक ऐसा सर्विलांस सिस्‍टम तैयार कर लिया है जिसके बाद वह किसी भी हिस्‍से में लोगों पर नजर रख सकता है. इजरायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज (आईएआई) ने एक सर्विलांस सेंसर ईजाद किया है. यह सर्विलांस सिस्‍टम कोई आम सिस्‍टम नहीं है बल्कि इस सिस्‍टम के बाद इजरायल 13 स्‍क्‍वॉयर किलोमीटर के हिस्‍से में 15,000 फीट की ऊंचाई से भी नजर रख सकता है.

बिना रुके रखेगा नजर
इजरायल के इस सिस्‍टम को वास्प यानी वाइड एरिया सर्विलांस पेलोड नाम दिया गया है. इस सिस्‍टम को इंटेलीजेंसी, सर्विलांस और रेकी मिशन के लिए किसी भी एरियल प्‍लेटफॉर्म पर फिट किया जा सकता है. वास्‍प दरअसल एक एयरबॉर्न इलेक्‍ट्रो-ऑप्टिकल/ वाइड एरिया मोशन इमेजेरी सेंसर है.
यह सेंसर बिना रुके किसी इलाके पर नजर रख सकता है, टारगेट को डिटेक्‍ट कर सकता है और उनका पता लगा सकता है. साथ ही किसी भी स्थिति से अवगत कराने के लिए किसी इलाके का विस्‍तृत नजारा भी प्रस्‍तुत कर सकता है.
ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्‍टर पर भी फिट
सिस्‍टम एक आठ किलोग्राम का इलेक्‍ट्रो/ऑप्टिकल पेलोड है जिसे ड्रोन, यूएवी, हेलीकॉप्‍टर या फिर सर्विलांस बैलून में भी फिट किया जा सकता है. सेंसर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित है. सर्विलांस से मिले आंकड़ें कैसे होंगे और रेजॉल्‍यूशन ऊंचाई पर भी निर्भर करता है.
उदाहरण के लिए दो स्‍क्‍वॉयर किलोमीटर पर 6,000 फीट और 13 स्‍क्‍वॉयर किलोमीटर पर 15,000 फीट तक की गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है. सेंसर को ऐसे डिजाइन किया गया है कि इसके आसानी से इंस्‍टॉल किया जा सके. यह सिस्‍टम हर तरह के मौसम में अपने काम को अंजाम दे सकता है.
इंटेलीजेंस सेक्‍टर में बड़ा बदलाव
आईएआई की तरफ से कहा गया है कि वास्‍प को डेवलपमेंट रणनीति, इंटेलीजेंस और इनफॉर्मेशन के सेक्‍टर में बड़ा बदलाव लेकर आने वाला है. कंपनी के मुताबिक एक बड़े हिस्‍से में विस्‍तृत इंटेलीजेंस की बेहतर फोटोग्राफ मुहैया कराता है.
वास्‍प किसी भी इलाके की डबल लेयर्ड जानकारी देता है जिसमें विजुअल और इंटेलीजेंस इनफॉर्मेशन दोनों ही होती हैं. यह सिस्‍टम बहुत हल्‍का है और ऐसे में इसे फिट करना बहुत आसान है. वजन की वजह से इसकी इंटेलीजेंस इकट्ठा करने की क्षमता बहुत ही तेज है.
इजरायल का सीक्रेट वेपन ड्रोन
दुनिया में इस समय चीन और अमेरिका ऐसे देश हैं जहां पर हथियारों की इंडस्‍ट्री तेजी से पनप रही है. लेकिन इजरायल की ड्रोन इंडस्‍ट्री इन दोनों ही देशों से कहीं आगे है. मिलिट्री एक्‍सपीरियंस इस इंडस्‍ट्री का वो सीक्रेट वेपन है जिसकी बराबरी कोई भी देश नहीं कर सकता है.
देश के कई सीनियर और रक्षा क्षेत्र के महारथी जो पूर्व मिलिट्री इंटेलीजेंस ऑफिसर हैं, इस ड्रोन इंडस्‍ट्री को लीड कर रहे हैं. कई ऑफिसर्स या तो ड्रोन स्‍टार्टअप्‍स के साथ बतौर इंजीनियर जुड़ गए या फिर उन्‍होंने अपना ही कोई स्‍टार्ट अप शुरू कर दिया.
क्‍या भारत को मिलेगा यह सर्विलांस सिस्‍टम
भारत जो इजरायल का करीबी दोस्‍त है, उसे यह टेक्‍नोलॉजी मिलती है या नहीं ये तो समय बताएगा, लेकिन इतना तो तय है कि इस टेक्‍नोलॉजी के आने से पाकिस्‍तान से लगे वेस्‍टर्न बॉर्डर और चीन से लगे पूर्वी बॉर्डर पर हर पल नजर रखी जा सकेगी. लद्दाख जैसी जगह पर जहां चीन अक्‍सर ही कारस्‍तानी करता रहता है, वहां पर इस सर्विलांस सिस्‍टम से काफी मदद मिल सकती है.
फिलहाल भारत के पास इजरायली कंपनी का बना ड्रोन हेरॉन है, जिसे इंडियन आर्मी प्रयोग कर रही है. मई 2020 में जब चीन के साथ टकराव शुरू हुआ तो जून में इस ड्रोन को लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तैनात कर दिया गया था. हेरॉन को वर्ल्‍ड बेस्‍ट ड्रोन करार दिया जाता है.


Next Story