इटली के थिंकटैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल पॉलिटिकल साइंस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत की यूक्रेन नीति चीन के साथ उसके रिश्ते में रूस की भूमिका पर निर्भर है। दोकलम विवाद और गलवां घाटी में हुए खूनी संघर्ष में रूस ने जो रुख अपनाया था, भारत भी यूक्रेन के मामले में वही रुख अपना रहा है।
इटली के थिंकटैंक ने रिपोर्ट में कहा, भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वाले देशों में रूस अहम है। रूस के साथ उसके रिश्ते वक्त की हर कसौटी पर खरे उतरे हैं। रूस हमेशा से रूस-भारत-चीन फ्रेमवर्क को कायम रखने पर ध्यान देता रहा है। भारत हमेशा से अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर चीन के रुख और एकतरफा परिवर्तन की कोशिशों का विरोध करता रहा है।
आरआईसी फ्रेमवर्क संघर्ष के बाद संवाद में अहम भूमिका निभाता है और रूस के भारत के प्रति रवैया इसमें साफ नजर आता है। इसके अलावा मध्य एशिया संपर्क नीति में भी रूस की भूमिका अहम है। भारत लगातार मध्य एशियाई देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने के प्रयास करता है। वहीं चीन भी इस हिस्से पर नजर गड़ाए रहता है। रूस इसमें अहम भूमिका निभाता है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि रूस से इन्हीं फायदों के चलते भारत ने अपनी यूक्रेन नीति में न्यूट्रल रुख अपनाया है।