भारत ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में नाजीवाद के महिमामंडन से मुकाबला करने के रूस के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। लंबी चर्चा के बाद इस प्रस्ताव के समर्थन में 152 देशों ने वोट दिया, जबकि 52 ने विरोध में वोट डाला, 15 देश मतदान से दूर रहे।
हिटलर के शासनकाल में प्रचलन में आया नाजी शब्द
नाजी शब्द जर्मनी में हिटलर के शासनकाल में प्रचलन में आया था और यह नस्ली सोच से जुड़ा हुआ है। उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह यूक्रेन में जनसंहार के हथियारों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोग बनाने के रूस के प्रस्ताव का भारत ने विरोध किया था।
भारत के प्रतिनिधि ने दिया था बयान
भारत के प्रतिनिधि ने कहा, किसी भी देश में नस्लवादी सोच नहीं थोपी जानी चाहिए। भारत ने इसी विचार के आधार पर प्रस्ताव का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र की समिति ने सात अन्य मसौदों को भी मंजूरी दी है। इनमें डिजिटल एज की गोपनीयता, मानवाधिकारों और बच्चों के शारीरिक शोषण से संबंधित मसौदे शामिल हैं।
नस्लवादी भावना पर चिंता जताई गई
भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि, रूस के प्रस्ताव पर चर्चा में नाजी आंदोलन को महिमामंडित करने, नव-नाजीवाद की भावना पैदा करने और नाजीवाद का समर्थन करने वाले संगठन वाफेन एसएस के पूर्व सदस्यों के प्रदर्शन पर चिंता जताई गई और उससे मुकाबले का संकल्प लिया गया। रूस के प्रस्ताव में दुनिया में बढ़ रही नस्लवादी भावना पर चिंता जताई गई है। इसके चलते ही दुनिया में सामुदायिक घृणा बढ़ रही है और शरणार्थी समस्या भी गंभीर हो रही है।