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नेपाल में सियासी घमासान पर भारत का जवाब, कहा-'हालिया राजनीतिक घटनाक्रम उनका आंतरिक मामला'

Deepa Sahu
26 May 2021 1:07 PM GMT
नेपाल में सियासी घमासान पर भारत का जवाब, कहा-हालिया राजनीतिक घटनाक्रम उनका आंतरिक मामला
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भारत ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया है कि नेपाल (Nepal) में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम उसका आंतरिक मामला है,

भारत ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया है कि नेपाल (Nepal) में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम (Political Developments) उसका आंतरिक मामला है, जिससे उन्हें अपने घरेलू ढांचे और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत ही निपटना होगा, इसमें भारत कोई दखल नहीं देगा. भारत ने ये भी कहा कि वह नेपाल को उसकी प्रगति, शांति, स्थिरता और विकास की यात्रा में समर्थन देता रहेगा. विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के प्रवक्ता अरिंदम बागची बुधवार को नेपाल में तेजी से हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे.

उन्होंने नेपाल में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम, संसद को भंग करने के पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के फैसले और पार्टी के भीतर जारी घमासान को पड़ोसी देश का आंतरिक मामला बताया है. बागची ने अपने एक बयान में कहा, "हमने नेपाल में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर ध्यान दिया है. हम इन्हें नेपाल के आंतरिक मामलों के रूप में देखते हैं, जिन्हें उनके अपने घरेलू ढांचे और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के तहत ही निपटाया जाना चाहिए." उन्होंने कहा, "एक पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत नेपाल और उसके लोगों की प्रगति, शांति, स्थिरता और विकास की यात्रा में उनका समर्थन करता रहेगा".
नेपाल में फिर गहराया राजनीतिक संकट
मालूम हो कि नेपाल में एक बार फिर से राजनीतिक संकट गहराता हुआ दिख रहा है. पिछले हफ्ते नेपाल में कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और विपक्षी नेता शेर बहादुर देउबा की ओर से नई सरकार बनाने के लिए बहुमत प्राप्त करने के असफल प्रयासों के बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग करते हुए मध्‍यावधि चुनाव (Mid-Term Election) का ऐलान कर दिया है, जिसके बाद से पड़ोसी देश में बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल देखी जा रही है. संसद को भंग करने की सिफारिश ओली ने की थी, जिसके बाद सत्ताधारी पार्टी में भी घमासान मचा हुआ है और विपक्ष हमलावर है.
नवंबर में देश में मध्यावधि चुनाव का ऐलान
सदन में विश्वास मत में हारने के बाद ओली की सरकार अल्पमत में आ गई थी. पिछले हफ्ते ओली और विपक्षी गठबंधन दोनों ने ही राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन राजनीतिक दलों की अंदरुनी खींचतान के बाद राष्ट्रपति ने देर रात दोनों पक्षों के दावे को खारिज कर दिया. इसी के साथ, राष्ट्रपति ने 12 और 19 नवंबर को देश में मध्यावधि चुनाव का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति की तरफ से संवैधानिक प्रावधानों के तहत कोई भी सरकार बनने की अवस्था ना रहने की बात कहने के साथ ही सरकार ने संसद का विघटन कर दिया है. ये दूसरी बार है जब ओली ने संसद का विघटन किया है.
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