चीन ने दो वर्ष बाद कुछ भारतीय छात्रों को पढ़ाई के लिए बीजिंग लौटने की अनुमति दी है। इसे देख वहां रह रहे उन भारतीय पेशेवरों ने विदेश मंत्री जयशंकर से चीन सरकार के सामने उनकी तकलीफ बताने की अपील की है, जिनके परिजन सख्त कोविड वीजा नियमों के चलते स्वदेश में फंसे हैं।
चीन में पांच साल से लेकर 27 साल तक की लंबी अवधि से काम कर रहे कई भारतीय पेशेवरों ने जयशंकर को अपना दर्द बयां करने वाला एक साझा ज्ञापन भेजा है। ये पेशेवर बीजिंग, शंघाई सहित अन्य शहरों में कार्यरत हैं। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास को सौंपे इस ज्ञापन में कहा गया है, हम कोविड-19 महामारी और उससे जुड़े यात्रा एवं वीजा प्रतिबंधों के चलते पिछले 26 महीने से अधिक समय से अपने बच्चों और परिजन से अलग रह रहे हैं। इनमें कई ने अपने नवजात शिशु को दो साल ने नहीं देखा है या कई के बच्चे वीजा व उड़ानें रद्द होने के कारण पढ़ाई के लिए चीन नहीं लौट पा रहे हैं। इनमें कई लोगों का चीन में जमा-जमाया कारोबार है या नौकरी कर रहे हैं। लेकिन वे भी बीजिंग नहीं लौट सके हैं, जिससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है।
कई देशों के नागरिकों को दी गई अनुमति
बीजिंग स्थित एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के भारतीय कर्मचारियों के अलावा अमेरिकी, कनाडाई, जापानी, यूरोपीय, दक्षिण कोरियाई और सिंगापुरी नागरिकों को काम के सिलसिले में अपने परिजन के साथ चीन लौटने की विशेष अनुमति दी गई है। इसे देखते हुए भारतीय पेशेवरों ने कहा कि चीन सरकार को उनके परिजन को भी वापस आने की इजाजत देनी चाहिए।