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भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने आतंक का समर्थन कर रहे देशों को दिया कड़ा संदेश

Neha Dani
8 Aug 2021 11:13 AM GMT
भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने आतंक का समर्थन कर रहे देशों को दिया कड़ा संदेश
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अमेरिका से कोरोना वैक्सीन की सप्लाई में देरी के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अभी कानूनी और नियामक संस्था संबंधी कुछ मामलों को हल किया जाना है

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद संभालने के तुरंत बाद अफगानिस्तान पर बैठक बुलाकर भारत ने यह सिद्ध कर दिया कि वह सदैव विश्व शांति के लिए अपने कदम आगे बढ़ाता रहेगा। भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने आतंक का समर्थन कर रहे देशों को भी कड़ा संदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का अतीत उसका भविष्य नहीं हो सकता। इस क्षेत्र में आतंकवादियों की पनाहगाह और अभ्यारण्यों को तुरंत नष्ट करना चाहिए।

भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवादियों की सप्लाई चेन को भी तत्काल समाप्त कर देना चाहिए। अब समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद अफगानिस्तान में हिंसा की समाप्ति के लिए ठोस कदम उठाए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस क्षेत्र में या पड़ोसी देशों को आंतकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ का तो खतरा नहीं है। आतंकवाद को प्रश्रय देने या फडिंग करने वालों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
ज्ञात हो कि पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमार ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की थी। उन्होंने अफगानिस्तान में हिंसा पर एक आपातकालीन सत्र बुलाने के संबंध में चर्चा की थी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद बैठक आयोजित कर क्षेत्र में शांति के इरादों को स्पष्ट कर दिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 1 अगस्त से ही अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला है।
कानूनी अड़चनों के चलते भारत को वैक्सीन देने में देरी
अमेरिका ने कहा है कि वह कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए भारत को वैक्सीन देने का इच्छुक है, लेकिन कुछ कानूनी अड़चनों के चलते देरी हो रही है। जैसे ही नियम संबंधी दिक्कतें दूर हो जाएंगी, हम भारत को पर्याप्त टीका दे देंगे। अमेरिका से कोरोना वैक्सीन की सप्लाई में देरी के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अभी कानूनी और नियामक संस्था संबंधी कुछ मामलों को हल किया जाना है


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