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सिंगापुर में भारतीयों को अब 14 दिन रहना होगा क्वांरटीन, सरकार ने दी छूट

Deepa Sahu
23 Jun 2021 2:46 PM GMT
सिंगापुर में भारतीयों को अब 14 दिन रहना होगा क्वांरटीन, सरकार ने दी छूट
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सिंगापुर में भारतीयों को अब 14 दिन रहना होगा क्वांरटीन

भारत में कोरोना वायरस के मामलों में आ रही गिरावट को देखते हुए कई देशों ने हमारे लिए दरवाजे खोलना शुरू कर दिया है. सिंगापुर ने भारत समेत ज्यादा जोखिम वाले देशों से लौट रहे नए यात्रियों के लिए कवारंटीन की अवधि घटाकर 21 दिन से 14 दिन कर दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक नया फैसला गुरुवार से लागू होगा.

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'पिछले महीने एकत्रित किए गए आंकड़ों के आधार पर यह फैसला लिया गया है. चैनल न्यूज एशिया ने खबर दी कि इन यात्रियों को पीसीआर जांच के अलावा एंटीजन रैपिड टेस्ट (एआरटी) किट्स से खुद नियमित तौर पर जांच करनी होगी.' मंत्रालय ने कहा कि हाल फिलहाल तक कोरोना वायरस के नए स्वरूप के बारे में काफी कम जानकारी थी, जिसमें संक्रमण की अवधि शामिल है. एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने उच्च जोखिम वाले स्थानों की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए घर में 21 दिन तक रहना अनिवार्य कर दिया था.
इन देशों को जोखिम वाली श्रेणी में रखा
सिंगापुर ने जिन देशों को ज्यादा जोखिम की श्रेणी में रखा है, उनमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, दारुस्सलाम, हांगकांग, मकाऊ, चीन और न्यूजीलैंड शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय सबूत और स्थानीय मामलों के आंकड़ों की समीक्षा की. विदेश तथा स्थानीय आंकड़ों से ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित होता हो कि ये स्वरूप लंबे वक्त तक रहते हैं.'
संक्रमण के मामले हुए कम
मंत्रालय ने बताया कि सिंगापुर में आठ मई को उच्च जोखिम वाले स्थानों से आने वाले यात्रियों के लिए 21 दिन तक घर में रहने का नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद से सिंगापुर में 22 जून तक इस समूह के बीच संक्रमण के 270 मामले आए. मंत्रालय ने कहा, 'इन सभी में संक्रमण 14 दिन के भीतर खत्म हो गया. ऐसे में हम घर पर रहने की अवधि 21 दिन से घटाकर 14 दिन करेंगे.' नए यात्रियों को सिंगापुर आने के तीसरे, सातवें और 11वें दिन घर में रहते हुए खुद ही एआरटी जांच करनी होगी. उन्हें सिंगापुर पहुंचने और घर पर रहने की अवधि खत्म होने से पहले 14वें दिन RT-PCR जांच भी करानी होगी. बहरहाल, उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए कोई बदलाव नहीं है.


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