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माउंट एवरेस्ट बेस कैम्प में हुई भारतीय महिला की मौत: 3 दिन में चौथी मौत

suraj
19 May 2023 12:43 PM GMT
माउंट एवरेस्ट बेस कैम्प में हुई भारतीय महिला की मौत: 3 दिन में चौथी मौत
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माउंट एवरेस्ट फतह करने की जिद ने एक भारतीय महिला की जान ले ली। महाराष्ट्र की रहने वाली 59 साल की सुजैन लियोपोल्डिना जीसस को पेसमेकर लगा था। लेकिन वह इसी फिजिकल कंडीशन के साथ एवरेस्ट पर चढ़ाई का रिकॉर्ड बनाना चाहती थी।
बेस कैम्प से महज 250 मीटर की चढ़ाई करने में उसे 12 घंटे का समय लगा। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। 18 मई को लुकला के हॉस्पिटल में उसने दम तोड़ दिया।
पिछले 3 दिनों में यह चौथी घटना है। मार्च से शुरू हुए मौजूदा सीजन के दौरान अब तक माउंट एवरेस्ट पर 8 चीनी और भारतीय पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल 175 पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ रहे हैं।
4 दिन में इन लोगों की मौत हुई
18 मई: मुंबई की रहने वाली सुजैन की बेस कैंप में 6 दिन की बीमारी के बाद गुरुवार सुबह मौत हो गई। सुज़ैन को जबरन लुकला में ले जाया गया था। वे किसी भी कीमत पर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना चाहती थीं।
विक्टर ने यह फोटो 25 अप्रैल को पोस्ट की थी।
17 मई: साउथ कोल में बीमार पड़ने के बाद मोल्दोवा के एक व्यक्ति की कैंप-4 में मौत हो गई। विक्टर ब्रिन्जा नाम के शख्स को विक्टर मेलनिक कहा जाता था। उसने अपने फेसबुक पेज पर एवरेस्ट बेस कैंप से तस्वीरें पोस्ट की थीं।
16 मई: नेपाल की सेना की टीम के साथ चढ़ाई कर रहे फुरबा शेरपा की शिखर से नीचे उतरने के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत की डीटेल क्लियर नहीं है।
जहां 15 मिनट में चढ़ते हैं लोग, वहां घंटों में चढ़ पाई थीं सुजैन
माउंट एवरेस्ट बेस कैम्प का ड्रोन से लिया गया फोटो। इसे पर्वतारोही पासंग रिन्जी शेरपा ने लिया है।
ग्लेशियर हिमालय हाइकिंग कंपनी के टेंडी शेरपा ने बताया कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने से पहले प्रैक्टिस सेशन होता है। सुजैन को उसमें ही दिक्कत होना शुरू हो गई थी। उन्हें मना किया गया लेकिन वे जिद पर अड़ी रहीं।
बेस कैंप से केवल 250 मीटर ऊपर बने क्रॉम्पटन प्वाइंट तक पहुंचने में सुजैन को पहली कोशिश में 5 घंटे, दूसरी कोशिश में 6 घंटे और तीसरी कोशिश में 12 घंटे लगे गए थे। सामान्य और स्वस्थ्य पर्वतारोहियों को यहां पहुंचने में 15-20 मिनट लगते हैं।
हर कीमत पर फतह करना चाहती थी एवरेस्ट
सुजैन की हालत बिगड़ने पर उन्हें बेस कैंप छोड़ने से मना किया गया। लेकिन वे नहीं मानीं। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी कीमत पर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना है। बाद में सुजैन को जबरदस्ती लुकला ले जाया गया। जहां 6 दिन एडमिट रहने के बाद गुरुवार को उनकी मौत हो गई। उनका परिवार शुक्रवार को काठमांडू पहुंचेगा।
गौरतलब है कि दुनिया की 14 सबसे ऊंची चोटियों में से आठ नेपाल में हैं। नेपाल सरकार ने इस साल एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए 478 परमिट जारी किए हैं। एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए बेस्ट टाइम मार्च में शुरू होता है और मई में खत्म होता है। इसके बाद यहां मौसम बिगड़ जाता है, जिससे यहां रहना खतरनाक हो जाता है।
सीजन की शुरुआत में ही तीन शेरपाओं की मौत के बाद इस साल देरी हुई। ये तीनों शेरपा बेस कैंप के ऊपर बने खतरनाक खुम्बू आइस फॉल एरिया में बर्फ के एक गहरे छेद में गिर गए थे। जहां बचावकर्ता उन्हें ढूंढ नहीं पाए।
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