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इस संशोधित नीति से आवेदेकों को गैरइरादतन या अनजाने में हुई गलतियों को सुधारने का अवसर मिलेगा।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने 2018 के ट्रंप काल की नीति को बदलने का फैसला किया है। दरअसल ट्रंप की नीति के मुताबिक आव्रजन अधिकारियों को बिना नोटिस दिए एच1बी वीजा आवेदन को रद्द करने की अनुमति थी। इस फैसले से वैध आप्रवासन की बाधा दूर होगी और भारतीय पेशेवरों को इसका लाभ होगा।
ट्रंप प्रशासन ने 2018 में अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों को ज्यादा शक्तियां देकर एच1बी वीजा को बेरोकटोक खारिज करने का अधिकार दे दिया था। दरअसल एच1बी वीजा भारत की आईटी कंपनियों और पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है। एच1बी एक गैर आप्रवासन वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को अपने यहां नौकरी देने की इजाजत देता है।
यूएससीआईएस ने एक बयान में कहा कि वह अपनी नीतियों में सुधार कर रहा है, ताकि आवेदनों की प्रक्रिया पूरी करने में तेजी आए। दिशा निर्देशों को बदला जा रहा है ताकि आवेदन खारिज करने से पहले नोटिस जारी किया जा सके और कुछ नौकरियों में वैधता अवधि को बढ़ाया जा सके।अमेरिकी कंपनियां हर साल हजारों पेशेवरों को नौकरी देती हैं
अमेरिकी तकनीकी कंपनियां एच1बी वीजा के जरिये हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों तकनीकी विशेषज्ञों को अपने यहां रोजगार देती हैं। इस संशोधित नीति से आवेदेकों को गैरइरादतन या अनजाने में हुई गलतियों को सुधारने का अवसर मिलेगा।
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