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भारतवंशी ऋषि सुनक का ब्रिटेन का PM बनना लगभग तय, उम्मीदवारी से हटे बोरिस जॉनसन
Rounak Dey
24 Oct 2022 5:07 AM GMT

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विदेश में सार्वजनिक जीवन में योगदान देना जारी रखेंगे।'
लंदन: ब्रिटेन में प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद अब नए PM का चुनाव होना है। इस रेस में भारतीय ऋषि सुनक और पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच टक्कर की उम्मीद थी। लेकिन बोरिस जॉनसन ने खुद को इस रेस से दूर कर लिया है। इसके बाद अब ऋषि सुनक को ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। जुलाई में बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद लिज ट्रस और ऋषि सुनक ने अपनी-अपनी दावेदारी पेश की थी। कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों ने लिज ट्रस को प्रधानमंत्री चुना था।
बोरिस जॉनसन छुट्टी पर थे, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए वह लौट आए। रविवार की देर रात उन्होंने दावा किया कि उनके पास 102 सांसदों का समर्थन है, लेकिन ऋषि सुनक की तुलना में कम है। उन्होंने कहा मेरे पास देने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन ये सही समय नहीं है। ऋषि सुनक का लगभग 150 सांसदों ने खुला समर्थन किया है, वहीं बोरिस के समर्थन में सिर्फ 60 सांसद है। खराब अर्थव्यवस्था के कारण प्रधानमंत्री लिज ट्रस की आलोचना हो रही थी, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ऋषि का प्रधानमंत्री बनना तय!
नियमों के मुताबिक अगर कंजरवेटि पार्टी के 100 सांसदों का समर्थन एक उम्मीदवार को मिलता है तो उसे सोमवार को प्रधानमंत्री नामित किया जाएगा। अगर दो उम्मीदवारों को 100 सांसदों का समर्थन मिलता है तो उनके बीच पार्टी में मुकाबला होगा। प्रधानमंत्री की रेस में पेनी मोरडॉन्ट का नाम भी चल रहा है। जॉनसन की घोषणा के बाद उनके कुछ समर्थक सांसद पेनी का समर्थन कर सकते हैं। लेकिन जॉनसन के कुछ समर्थक तुरंत ऋषि के पक्ष में आ गए। पेनी के कैंपेन से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि वह पीएम की रेस में रहेंगी।
ऋषि सुनक ने फैसले का किया स्वागत
ऋषि सुनक ने बोरिस जॉनसन की उम्मीदवारी से हटने के फैसले का स्वागत किया है। ऋषि ने लिखा, 'बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्सिट और वैक्सीन दिया। उन्होंने हमारे सामने अब तक की सबसे कठिन चुनौतियों में देश का नेतृत्व किया और फिर पुतिन और यूक्रेन में उनके बर्बर युद्ध का सामना किया। हम उनके सदैव आभारी रहेंगे।' उन्होंने आगे लिखा, 'हालांकि उन्होंने दोबारा पीएम के लिए उम्मीदवारी न करने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है वह देश और विदेश में सार्वजनिक जीवन में योगदान देना जारी रखेंगे।'
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