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भारतीय व्यक्ति को अमेरिका में 2 साल की जेल, नौकरी से निकालने पर किया ये काम

Neha Dani
24 March 2021 10:03 AM GMT
भारतीय व्यक्ति को अमेरिका में 2 साल की जेल, नौकरी से निकालने पर किया ये काम
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न ही उनके पास कॉन्टेक्ट लिस्ट, मीटिंग कैलेंडर, डायरेक्टरी आदि तक पहुंच थी.

अमेरिका में एक भारतीय को नौकरी से निकाला गया, तो उसने बदला लेते हुए 1200 से ज्यादा साथी कर्मचारियों के अकाउंट ही डिलिट कर दिए. अब कैलिफोर्निया की अदालत ने उसे दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है. दीपांशु खेर ने नौकरी से निकालने के बाद कंपनी के सर्वर तक पहुंच बनाई और माइक्रोसॉफ्ट के करीब 1200 यूजर्स के अकाउंट हटा दिए थे. यहां जारी बयान के मुताबिक, दीपांशु खेर को 11 जनवरी 2021 को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह भारत से अमेरिका लौटा था.

खेर को उसके खिलाफ लंबित वारंट के बारे में जानकारी नहीं थी. अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी रैंडी ग्रॉसमैन ने मंगलवार को कहा, 'यह क्षति पहुंचाने का कृत्य कंपनी के लिए विनाशकारी था.' यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की न्यायाधीश मर्लिन हफ फैसला सुनाते हुए रेखांकित किया कि खेर ने जानबूझकर कंपनी पर जटिल हमला किया जो पूर्व नियोजित था एवं बदले की भावना से किया गया था. अदालत ने खेर को दो साल कैद की सजा सुनाने के साथ ही तीन साल अतिरिक्त निगरानी में रखने एवं उसकी वजह से कंपनी को हुए 5,67,084 डॉलर के नुकसान की क्षतिपूर्ति करने का भी आदेश दिया है.

इस तरह किए अकाउंट डिलिट
कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक खेर 2017 से मई 2018 तक एक आईटी सलाहकार फर्म में नौकरी करता था. 2017 में फर्म की सेवा कार्ल्सबैड कंपनी ने ली, जिसमें उसे माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 365 में शिफ्ट होना था. जवाब में फर्म ने खरे को कंपनी की मदद के लिए भेज दिया. मगर कंपनी खेर के काम से संतुष्ट नहीं थी और यह बात उसने फर्म को बता दी. जनवरी, 2018 में सलाहकार फर्म ने खेर को कंपनी के मुख्यालय से वापस बुला लिया. कुछ महीने बाद 4 मई, 2018 को उसे नौकरी से निकाल दिया गया और वह दिल्ली लौट आया.

कंपनी का अकाउंट कर लिया हैक
8 अगस्त, 2018 को भारत से लौटने के बाद दीपांशु खरे ने कार्ल्सबैड कंपनी का सर्वर हैक कर लिया और 1500 में से 1200 अकाउंट डिलिट कर डाले. उस पर आरोप है कि इस वजह से कंपनी के कर्मचारी प्रभावित हुए और दो दिन कंपनी का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया. कंपनी के आईटी विभाग के वाइस प्रेसिडेंट ने बताया कि इसका प्रभाव कंपनी के भीतरी और बाहरी कामों पर पड़ा. कर्मचारियों के अकाउंट डिलिट हो चुके थे. वो अपना ईमेल नहीं देख सकते थे. न ही उनके पास कॉन्टेक्ट लिस्ट, मीटिंग कैलेंडर, डायरेक्टरी आदि तक पहुंच थी.


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